Move to Jagran APP

Bihar Chunav 2020: झूठे-सच्चे सारे किस्से, उनको सब मालूम है; आधी आबादी के वोट बनेंगे निर्णायक

चुनाव प्रचार में राजग की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित बिहार सरकार के कई बड़े नेता कोसी इलाके में आए। जवाब में कांग्रेस से राहुल गांधी व तेजस्वी यादव ने चुनावी सभाएं की।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 10:14 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 10:25 PM (IST)
Bihar Chunav 2020: झूठे-सच्चे सारे किस्से, उनको सब मालूम है; आधी आबादी के वोट बनेंगे निर्णायक
लॉकडाउन में प्रवासियों के आगमन का उठा मुद्दा, चिराग फैक्टर भी राजग पर हो सकता है भारी।

भागलपुर, संजय सिंह। कोसी के चुनावी रण में विजय पाने के लिए दलीय से लेकर निर्दलीय उम्मीदवारों ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखी थी। लुभावने नारों का इस्तेमाल किया जा रहा था तो वोटरों को उनके अनुरूप सब्जबाग दिखाया जा रहा था। यहां के वोटर झूठ और सच के फर्क को अच्छी तरह समझते हैं। वोटिंग के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस बार के चुनाव में आधी आबादी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पिछले चुनाव से इस बार पांच से दस फीसद अधिक वोट डाले गए। यही बढ़ा हुआ मत प्रतिशत चुनाव परिणाम को तय करेगा।

loksabha election banner

चुनाव प्रचार में राजग की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित बिहार सरकार के कई बड़े नेता कोसी इलाके में आए। जवाब में कांग्रेस से राहुल गांधी व तेजस्वी यादव ने चुनावी सभाएं की। यह इलाका कभी राजद का गढ़ रहा था। तेजस्वी ने पढ़ाई, दवाई, कमाई का नारा देकर लोगों को लुभाने की कोशिश की।

10 लाख नौकरी देने का मुद्दा भी युवाओं पर हावी रहा। नेताओं को जो जातीय समीकरण पर भरोसा जताया था, उस समीकरण को कुछ हद तक युवाओं ने ध्वस्त कर दिया। सहरसा की चार विधानसभा सीटों सहरसा, सोनवर्षा, सिमरी बख्तियारपुर और महिषी में सर्वाधिक 62.42 फीसद सहरसा में पड़े। अन्य तीन विधानसभा क्षेत्रों में भी लगभग 60 फीसद वोट डाले गए।

पिछले चुनाव में यहां मात्र 54 फीसद ही वाट पड़े थे। सुपौल में भी इस बार पिछले चुनाव से पांच फीसद अधिक वोट पड़े। इस चुनाव में कोरोना काल में लोगों, खासकर प्रवासियों को हुई परेशानी भी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा। विपक्ष यह जताने की कोशिश करता रहा कि कोरोना काल में प्रवासियों को बिहार लाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। सत्ता पक्ष से जुड़े नेता यह जताने की कोशिश करते रहे कि कोरोना काल में प्रवासियों को काफी सुविधाएं मुहैया कराई गईं। इस इलाके में लोजपा फैक्टर भी असरदार रहा।

राजग के वोट बैंक में लोजपा के उम्मीदवारों ने सेंधमारी की। यह चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है। सुपौल की पांच विधानसभा सीटों सुपौल, निर्मली, पिपरा, त्रिवेणीगंज व छातापुर में सर्वाधिक 65.60 फीसद वोट छातापुर में पड़े। अन्य विधानसभा क्षेत्रों में 60 से 62 फीसद वोट पड़े। सुपौल सीट ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के कारण महत्वपूर्ण बनी हुई थी। ये आठवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। मधेपुरा की चारों सीटें इस बार महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।

मधेपुरा सीट से जाप के सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी मैदान में थे। इनके मैदान में बने रहने से यहां जातीय समीकरण गड्डमड्ड हो गया है। इसका फायदा राजग को मिलेगा या महागठबंधन को, यह कह पाना मुश्किल है। बिहारीगंज सीट से मधेपुरा के पूर्व सांसद और राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु शरद यादव की पुत्री सुभाषिणी बुंदेला चुनाव मैदान में हैं। बुंदेला के पक्ष में स्वयं राहुल ने बिहारीगंज में सभा की और शरद यादव को अपना राजनीतिक गुुरु बताया।

स्वयं सहरसा से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रही लवली आनंद ने एक भावनात्मक अपील जारी कर अपने लोगों को सुभाषिणी को अपनी बेटी बताते हुए वोट देने की अपील की। आलमनगर सीट पर विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव सातवीं बार विधानसभा पहुंचने के लिए मतगणना का इंतजार कर रहे हैं। इनकी खासियत यह है कि भले ही ये जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हों, लेकिन दूसरे दलों के स्थानीय नेताओं से भी इनका बेहतर संबंध है। इसका लाभ उन्हें मिल सकता है। सिंहेश्वर सुरक्षित विधानसभा सीट से बिहार सरकार के निवर्तमान मंत्री रमेश ऋषिदेव मैदान में हैं। मधेपुरा जिले की चारों विधानसभा सीटों में सर्वाधिक 61.66 फीसद वोट सिंहेश्वर में ही पड़े।

चुनाव प्रचार के मामले में अनूठा रहा मधेपुरा

बिहार विधानसभा के चुनावों के लिए हो रहे चुनाव प्रचार में मधेपुरा अनूठा रहा। यहां चुनाव लड़ रहे दो प्रत्याशियों ने अपने-अपने प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया। लोजपा प्रत्याशी साकार यादव चुनावी प्रचार में दो दिनों तक लगातार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते रहे। जाप सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी चुनाव प्रचार के लिए दो दिनों तक हेलीकॉप्टर का इस्मेताल किया। हालांकि, मधेपुरा के अलावा उन्होंने अन्य विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी पार्टी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे। यह संयोग ही रहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तीसरे चरण के चुनाव से एक दिन पूर्व मधेपुरा में ही रुक गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.