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Bihar Board 10th Toppers 2021: इस बार मैट्रिक रिजल्ट में केवल झोपड़ी के लाल का ही रहा कमाल, देखिए गुदड़ी के लाल ने कैसे किया कमाल

Bihar Board 10th Toppers 2021 इस बार मैट्रिक परीक्षा में गरीब परिवार के बच्‍चों का दबदबा रहा। बांका जिले की बात करें तो वहां पर टॉप टेन में आने वाले ज्‍यादातर बच्‍चों की आर्थिक स्थिति खराब है। ज्‍यादातर किसान और मजदूर परिवार से आते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 09:49 AM (IST)
Bihar Board 10th Toppers 2021: इस बार मैट्रिक रिजल्ट में केवल झोपड़ी के लाल का ही रहा कमाल, देखिए गुदड़ी के लाल ने कैसे किया कमाल
Bihar Board 10th Toppers 2021: इस बार मैट्रिक परीक्षा में गरीब परिवार के बच्‍चों का दबदबा रहा।

जागरण संवाददाता, बांका। Bihar Board 10th Toppers 2021: परीक्षा में नकल और पैरवी पर ब्रेक लगने के बाद अब केवल झोपड़ी के लाल ही कमाल कर रहे हैं। इस बार की मैट्रिक परीक्षा परिणाम ने भी इसे साबित कर दिखाया है। राज्य और जिला टॉपर की सूची में शामिल अधिकांश बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के हैं। किसी के पिता मजदूरी, किसानी और राजमिस्त्री का काम करते हैं तो कोई सत्तू और दूध बेचकर परिवार चला रहा है। राज्य का छठा टॉपर बनी भगवानपुर धोरैया की जुली कुमारी के पिता संजय मंडल कोलकाता में मजदूरी करते हैं।

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परिवार की रोजी-रोटी ठीक से चल सके, इसलिए वे 10 सालों से घर छोड़े हुए हैं। अब बेटी डॉक्टर बनकर परिवार का दुख दूर करना चाहती है। जूली ने परीक्षा में 479 अंक लाया है। दूसरे स्थान पर रहे नवादा बाजार के निक्कू कुमार को 476 अंक आया है। उसके पिता उत्तम प्रसाद ङ्क्षसह की छोटी सी खेती है। उसी से परिवार चलता है। 473 अंक लाने वाला ङ्क्षसहनान उच्च विद्यालय के सोनू कुमार के पिता निरोज मंडल राजमिस्त्री का काम करते हैं। वे रूपसा तारडीह गांव के हैं। इतना ही अंक लाने वाल साहबगंज उच्च विद्यालय का रूपेश कुमार भी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार का है।

इतना ही अंक लाने वाला अमरपुर जानकीपुर निवासी आनंद कुमार के पिता किसानी करते हैं। आनंद खुद अपने एक भाई के साथ ट््यूशन पढ़ाकर परिवार चला रहा है। 473 अंक लाने वाले उत्क्रमित उवि टप्पाडीह निवासी करण कुमार के पिता दूध बेचते हैं तो एसएस बालिका की शिवानी कुमारी के पिता सत्तू बेच परिवार चलाते हैं। दो साल पहले के रिजल्ट में टॉपर रहा बौंसी का राहुल कुमार खुद मेला में चिनियाबादाम बेचता था। बड़ा सवाल यह है कि अब सभी टॉपर झोपड़ी से ही क्यों निकल रहे हैं।

क्या पढ़ाई में बेहतर करने के लिए संसाधन की जरूरतें कम हो रही है। निश्चित रूप से आर्थिक रूप से पिछड़े जिला बांका को यह रिजल्ट बड़ा रास्ता दिखा रहा है। टॉपर बना अधिकांश छात्र आईआईटी करना चाहता है। जूही का सपना मेडिकल है। मेहनत की बदौलत अगर हर झोपड़ी में ऐसा लाल निकलने लगा तो पिछड़ापन से हमारा नाता अधिक दिनों तक नहीं रह सकेगा। बस इसके लिए बच्चों में इन टॉपरों जैसा जुनून हो।

समग्र शिक्षा में डीपीओ ने टॉपर बच्चों का किया सम्मान

बांका : डीपीओ माध्यमिक शिक्षा निशीथ प्रणीत ङ्क्षसह ने मंगलवार को सभी टॉपर बच्चों को समग्र शिक्षा कार्यालय में बुलाया। बच्चों को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी। सभी टॉपर को सम्मानित भी किया। इसके बाद अभिभावक और बच्चों के साथ उनकी आगे की पढ़ाई पर विचार विमर्श किया। एक-एक कर उनकी राय पूछी, फिर इसका विकल्प बताया। साथ ही शिक्षा विभाग से उन्हीं दी जा सकने वाली मदद की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से बांका के बच्चों ने कीर्तिमान स्थापित किया है। अबतक बांका टॉप टेन में नहीं पहुंच पाता था। बच्चों और शिक्षकों की मदद से बदलाव हो रहा है। वे अपनी तरफ हर बच्चों को आगे की पढ़ाई में हर संभव मदद करेंगे। विभागीय स्तर की मदद के अलावा व्यक्तिगत तौर से भी वे अभिभावकों के साथ खड़े रहेंगे। इसके मौके पर एसएसए के एपीओ सर्वेश कुमार ङ्क्षसह, गंगाधर महतो, शिक्षक रमेश झा, अनंतलाल चौधरी, डा.राहुल कुमार, विनोद कुमार, अर्चना कुमारी, मृत्युंजय कुमार, प्रभाष कुमार आदि मौजूद थे।


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