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Bihar Banka News: सरकारी दफ्तर-प्राइवेट वाहन, हो रहा राजस्व का नुकसान

Bihar Banka News- उद्यान पदाधिकारी समेत अन्य अफसर निजी वाहनों का व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं। परिवहन विभाग की लापरवाही से राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसपर परिवहन विभाग के पदाधिकारी का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

By Shudhanshu KumarEdited By: Shivam BajpaiPublished: Sat, 01 Oct 2022 05:56 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 05:56 PM (IST)
Bihar Banka News: सरकारी दफ्तर-प्राइवेट वाहन, हो रहा राजस्व का नुकसान
Bihar Banka News- बांका के सरकारी कार्यालयों में दौड़ रहे निजी वाहन।

संवाद सूत्र, बांका: प्राइवेट वाहनों को किराए पर चलाने के लिए उसका टैक्सी परमिट लेना होता है, लेकिन शहर में बिना टैक्सी परमिट लिए कई गाड़ियां चल रही है। आम लोगों के साथ-साथ सरकारी अधिकारी भी इन प्राइवेट गाड़ियों का टैक्सी की तरह प्रयोग कर रहे हैं। कई ऐसे विभाग हैं, जहां पर प्राइवेट वाहन का उपयोग किया जा रहा है। इन वाहनों का टैक्सी के हिसाब से किराया दर्शाया जाता है, लेकिन एक भी वाहन टैक्सी परमिट में वैध नहीं है।

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दरअसल, सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों के प्रयोग के लिए टैक्सी गाड़ियों को ठेके पर लेकर चलाया जाता है। उद्यान कार्यालय समेेत कई विभागों में नई गाड़ियां चल रही है। इन वाहनों के मालिकों को प्रति किमी या मासिक किराया का भुगतान किया जाता है। नियमानुसार इस काम के लिए केवल टैक्सी परमिट गाड़ियों का ही इस्तेमाल की जानी है, लेकिन कुछ दफ्तरों में इस नियम की अनदेखी की जा रही है।

परिवहन विभाग को राजस्व का नुकसान

सरकारी कार्यालयों में टैक्सी के रूप में प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल से परवहिन विभाग को राजस्व का नुकसान होता है। लेकिन अधिकारियों की उपेक्षा के चलते इन गाड़ी संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। कार्रवाई से बचने के लिए काट भी निकाल रखा है। कुछ जगहों पर इन गाड़ियों का निजी कार्य में प्रयोग दिखाकर बिल पास करा लिया जाता है तो कुछ जगहों पर टैक्सी परमिट वाहन मालिकों से बिल लेकर जमा कर दिया जाता है।

ये है निजी और टैक्सी वाहनों की पहचान

टैक्सी और निजी वाहनों की पहचान के लिए परिवहन विभाग ने दोनों के नंबर प्लेट के रंग को अलग-अलग कर दिया है। निजी वाहनों पर सफेद प्लेट पर काले रंग से नंबर लिखे होते हैं जबकि टैक्सी वाहनों क नंबर प्लेट पीली रंगी होती है।

जिला परिवहन पदाधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में प्राइवेट नंबर की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है तो इससे विभाग को राजस्व की क्षति हो रही है। मामला सामने आने के बाद इस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।


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