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महागठबंधन के बिहार बंद का भागलपुर में नहीं दिखा कोई खास असर

शनिवार को पटना में रालोसपा के आक्रोश मार्च के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इसमें उपेंद्र कुशवाहा भी घायल हो गए। इसके खिलाफ पार्टी ने बिहार बंद का आह्वान किया था।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 03:45 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 11:37 PM (IST)
महागठबंधन के बिहार बंद का भागलपुर में नहीं दिखा कोई खास असर
महागठबंधन के बिहार बंद का भागलपुर में नहीं दिखा कोई खास असर

भागलपुर [जेएनएन]। राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सुप्रीमो व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पर पटना में पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ सोमवार को विपक्ष का बिहार बंद का भागलपुर में कोई खास असर नहीं रहा। रालोसपा के इस बंद को महागठबंधन में शामिल तमाम दलों ने समर्थन दिया था।

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बंद को लेकर विपक्षी दलों के कार्यकर्ता व समर्थक सुबह से ही सड़कों पर निकल आए। रालोसपा, राजद और हम के कार्यकर्ता बंद करा रहे थे। बंद समर्थकों ने लोहिया पुल को जाम कर दिया। इस दौरान कई वाहनों को क्षतिग्रस्‍त करने की सूचना है। हालांकि पुलिस की सक्रियता से आधे घंटे में ही वहां से जाम हटा दिया गया।

बंद समर्थकों ने कहा कि राज्‍य सरकार ने शनिवार को उपेंद्र पासवान की हत्‍या की साजिश रची थी। उस दिन पुलिस गुंडों की तरह पेश आई। हालांकि, सोमवार को ही मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पुलिस को कार्रवाई के लिए उकसाया गया था।

बंद समर्थकों ने भागलपुर जंक्शन पर आनंदविहार जा रही विक्रमशिला एक्सप्रेस को रोका। अप और डाउन मार्ग में करीब एक घंटे रेल परिचालन ठप रहा। भागलपुर में रालोसपा और कार्यकर्ताओं ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की मुख्य शाखा को बंद करा दिया। दुकानों को भी जबरन बंद कराया। कई वाहनों के शीशे तोड़ डाले। स्टेशन चौक के पास सड़क जाम होने से यात्रियों और लोग परेशान दिखे। बंद समर्थकों ने देना बैंक, स्टेट बैंक, आईडीबीआई, आईसीआईसीआई बैंक की कुछ शाखाएं बंद कराया। शहर में आधे दर्जन मॉल को भी समर्थकों ने बंद करा दिया। हालांकि कुछ देर के बाद सभी बैंक और दुकानें आदि खुल गई। 

कहलगांव, सुल्‍तानगंज, नवगछिया आदि क्षेत्रों में भी बंद का कोई खास असर नहीं रहा। कुछ देर के लिए कार्यकर्ताओं ने सडक जाम किया, नारेबाजी की, फ‍िर चलते बने।

पुलिस थी सक्रिय

बिहार बंद को देखते हुए भागलपुर की प‍ुलिस दिन भर सक्रिय रही। प्रत्‍येक चौक चौराहों के अलावा स्‍टेशन परिसर, प्रमुख कार्यालय आदि में पुलिस जमे रहे। बंद समर्थकों की कम संख्‍या के कारण कोई खास प्रभाव नहीं पडा। सभी स्‍कूल खुले थे। कई स्‍कूलों में वार्षिक परीक्षा थी। सभी बच्‍चे नियमित समय से स्‍कूल पहुंचे और आए।

लोहिया पुल पर रालोसपा के साथ राजद और हम के कार्यकताओं ने परिवहन विभाग की बसें, कार और ऑटो का शीशे तोड़ दिए। समर्थकों के आक्रोश को देख यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। लोहिया पुल पर ड्राइवर बस छोड़ भाग गए। इसमें सवार यात्रियों ने अपनी जान बचाई। वहीं कार पर समर्थकों ने लाठी भांजने लगे, सवार लोगों में भय का माहौल रहा। रालोसपा जिलाध्यक्ष रवि शेखर भारद्वाज, राजद जिलाध्यक्ष तिरूपति नाथ व पीरपैंती विधायक रामविलास पासवान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने लोहिया पुल को करीब आधे घंटे तक जाम किया। इससे राहगीरों को आवागमन में काफी परेशानी हुई। रोजमर्रा और ट्रेन पकडऩे वाले लोग समय पर गंतव्य नहीं पहुंच सके। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद जाम हटाकर यातायात व्यवस्था बहाल की जा सकी।

नौ बजे ही सड़क पर उतर आए
सुबह नौ बजे से अपराह्न तीन बजे तक शहर में सड़क जाम और बाजार बंद करने का सिलसिला चलता रहा। स्टेशन चौक पर बंद समर्थकों ने कुछ देर तक सड़क जाम कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध नारेबाजी की। वेरायटी चौक, खलीफाबाग, घंटाघर, कचहरी चौक, पटल बाबू रोड, आदमपुर में कार्यकर्ताओं ने बैंक, शॉपिंग कॉम्पलेक्स व दुकानों को बंद कराया। वहीं तिलकामांझी चौक पर कार्यकर्ताओं ने टायर में आगजनी कर सड़क को जाम कर दिया। इस दौरान स्टेशन चौक पर नुक्कड़ सभा कर महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि दो फरवरी को शिक्षा में सुधार की मांग को लेकर निकाले गए आक्रोश मार्च में उपेंद्र कुशवाहा पर जानलेवा हमला कर नीतीश की सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया। ऐसी सरकार को गद्दी छोड़ देनी चाहिए।

सूबे में अराजक स्थिति
राजद जिलाध्यक्ष तिरूपति नाथ ने कहा कि राज्य में अराजक स्थिति बनी हुई है। लाठीचार्ज की घटना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। विरोध में शहरवासियों का समर्थन मिला है। वहीं रालोसपा जिलाध्यक्ष रवि शेखर भारद्वाज ने बंद को स्वत: व पूर्ण सफल बताया। शांति पूर्ण बंद कराया गया। लोगों से आग्रह किया गया था। जिसका समर्थन पार्टी को मिला।

बंद में महागबंधन बिखरा, कांग्रेस ने बनाई दूरी
लाठीचार्ज के विरोध में रालोसपा को महागठबंधन का समर्थन मिला था। बंद के दौरान पार्टियों में बिखराव साफ दिखा। इससे कांग्रेस पार्टी ने दूरी बनाए रखा। बंद में कांग्रेस से न तो कार्यकर्ता थे और न ही झंडा।

बंद में ये थे शामिल :
हम के जिलाध्यक्ष अशोक रजक, राजेश राय, ई. दिवाकर कुशवाहा, कुणाल सिंह, रंजन सिंह, पप्पू मंडल, प्रमोद यादव, सुमन कुशवाहा, विनय पासवान, मधुसूदन यादव, ओमप्रकाश यादव, अजय राय, मेराज, रेवती रमण भारती, अमित मंडल, गौतम बनर्जी, सुमित कुमार, संदीप शर्मा व राहुल राज, राजद जिलाध्‍यक्ष तिरुपति नाथ, विधायक राम बिलास पासवान, रालोसपा जिलाध्‍यक्ष रवि शेखर भारद्वाज, सुमन कुमार प्रसून, कुणाल सिंह, राजेश राणा, रंजन सिंह, सुमन कुशवाहा, अरविन्द मंडल, मुनिलाल यादव, राजकुमार, राजेन्‍द्र कुशवाहा, नीरज सिंह, संजीव कुशवाहा, अमित मंडल, दिवाकर, अमित कुशवाहा, रीतेश, अजय, कन्‍हैया, छोटू भगत, प्रदीप यादव, कुंदन सिंह, विजय पासवान, संदीप शर्मा आदि शामिल थे। 

क्‍या था मामला

विदित हो कि शनिवार को पटना में रालोसपा के आक्रोश मार्च के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इसमें उपेंद्र कुशवाहा भी घायल हो गए। इसके खिलाफ पार्टी ने बिहार बंद का आह्वान किया था। इसे राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) तथा वाम दलों का समर्थन प्राप्‍त है। लाठीचार्ज में घायल उपेंद्र कुशवाहा का अभी पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल (पीएमसीएच) में इलाज चल रहा है। घायल होने के कारण वे रविवार को कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी की रैली में शामिल नहीं हो सके थे। सोमवार की सुबह से बंद समर्थक सड़कों पर निकलने लगे।


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