बिहार विधानसभा उपचुनाव: Hot Seat बन गया मुंगेर का तारापुर, क्या कुछ कहता है इतिहास?
बिहार विधानसभा उपचुनाव तीन बार से जदयू लगातार मुंगेर के तारापुर विधानसभा सीट पर जीत का परचम लहरा चुकी है। उपचुनाव में जमुई लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली इस सीट से चिराग पासवान ने भी अपने उम्मीदवार को खड़ा करने का ऐलान किया है।
आनलाइन डेस्क, भागलपुर। बिहार विधानसभा उपचुनाव: मुंगेर की तारापुर विधानसभा सीट (Tarapur Assembly Seat) पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के दौरे से पहले कई जदयू नेता यहां आए। इसके बाद जमुई सांसद चिराग पासवान के बयान के बाद से चर्चा और तेज हो गई। जदयू विधायक सह पूर्व शिक्षामंत्री मेवालाल चौधरी के निधन के बाद ये सीट खाली है। यहां से जदयू-आरजेडी-लोजपा और अन्य दल अपने प्रत्याशी उतारेंगे, ऐसा तय माना जा रहा है। ऐसे में हाट सीट (Hot Seat) बन चुका तारापुर में हुए चुनाव के इतिहास पर नजर डालते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में तारापुर विधानसभा सीट से एनडीए की ओर से जेडीयू के मेवालाल चौधरी ने जीत दर्ज की। वहीं, महागठबंधन से आरजेडी प्रत्याशी दिव्य प्रकाश दूसरे नंबर पर रहे। मेवालाल को यहां 64 हजार 468 वोट, जबकि दिव्य प्रकाश को 57 हजार 243 वोट मिले। मानें मेवालाल 6 हजार कुछ वोटों से विजयी हुए। इससे पहले 2015 में भी इस सीट पर मेवालाल चौधरी ने जीत दर्ज की थी। उस समय जेडीयू ने हिंदुस्तान मुक्ति मोर्चा के शकुनी चौधरी को करीब 12 हजार वोटों से हराया था। बात 2010 विधानसभा चुनाव की करें तो तब JDU से नीता चौधरी ने जीत दर्ज की। 2010 चुनाव से पहले शकुनी चौधरी यहां से छह बार जीते।
हाट सीट तारापुर में हुए चुनावों पर नजर
शहीदों की धरती तारापुर में जेडीयू और आरजेडी के बीच कड़ी टक्कर देखने मिली। 1951 से ही अस्तित्व में रही तारापुर विधानसभा क्षेत्र में हुए चुनाव के शुरूआती चुनावों में कांग्रेस का दबदबा कायम रहा लेकिन 1990 के बाद कांग्रेस कभी भी यहां चुनाव नहीं जीत सकी। ये सीट जमुई लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। तारापुर विधानसभा सीट पर कुल 18 बार चुनाव हो चुके हैं। यहां से कांग्रेस 5 बार, आरजेडी तीन बार, जेडीयू दो बार, समता पार्टी, निर्दलीय, सीपीआई, शोषित दल, जनता पार्टी, अगप, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी एक-एक बार चुनाव जीते। इस सीट पर बीजेपी ने कभी जीत दर्ज नहीं की। जेडीयू से गठबंधन के चलते पिछले चुनाव और आने वाले चुनाव में भी पार्टी अपना उम्मीदवार यहां से नहीं उतार सकती क्योंकि जेडीयू इसे अपना गढ़ मानती है।
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जनसंख्या और जातिगत समीकरण
यहां यादव और कोइरी अहम भूमिका में रहते हैं। वहीं ब्राह्मण, मुस्लिम, राजपूत, रविदास और पासवान की संख्या भी अच्छी खासी है। बात करें जनसंख्या की तो 2011 जनगणना के मुताबिक तारापुर की आबादी 4 लाख 56 हजार 549 है। यहां 87.63 फीसदी आबादी ग्रामीण और 12.37 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। कुल जनसंख्या में एससी और एसटी का अनुपात कुल जनसंख्या का 15.1 और 1.97 है। 2019 मतदाता सूची के अनुसार यहां 3 लाख 6 हजार 342 वोटर्स हैं। यहां यादव और कोइरी अहम भूमिका में रहते हैं। वहीं ब्राह्मण, मुस्लिम, राजपूत, रविदास और पासवान की संख्या भी अच्छी खासी है।