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खुफिया अधिकारियों ने किया अलर्ट... बड़े नेताओं को निशाना बनाने की फिराक में आतंकी

खुफिया सूत्रों के अनुसार बिहार-झारखंड में चुनावी दौरे पर पहुंचने वाले अति महत्वपूर्ण नेताओं की जान पर खतरा बताया गया है। मिले इनपुट पर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क कर दी गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 11:48 AM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 04:48 PM (IST)
खुफिया अधिकारियों ने किया अलर्ट... बड़े नेताओं को निशाना बनाने की फिराक में आतंकी
खुफिया अधिकारियों ने किया अलर्ट... बड़े नेताओं को निशाना बनाने की फिराक में आतंकी

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। बिहार-झारखंड दौरे पर आने वाले देश के महत्वपूर्ण नेताओं को आतंकी निशाना बनाने की फिराक में है। देश के शीर्ष नेताओं की सभा में हमला कराने के लिए आइएसआई की ओर से नेपाल में काली योजना बनाने की बात कही जा रही है। खुफिया अधिकारियों ने तकनीकी निगरानी में कुछ ऐसे इनपुट जुटाए हैं जिससे आतंकियों के नापाक इरादे का पता चला है।

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खुफिया सूत्रों के अनुसार बिहार-झारखंड में चुनावी दौरे पर पहुंचने वाले अति महत्वपूर्ण नेताओं की जान पर खतरा बताया गया है। मिले इनपुट पर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क कर दी गई है। चुनावी दौरे में विशिष्ट, अति विशिष्ट नेताओं के बिहार-झारखंड के चुनावी दौरे में उन्हें पहले मिली सुरक्षा के अलावा स्पेशल ब्रांच की सुरक्षा कवच मिलेगी। यह सुरक्षा व्यवस्था उनके पूर्व से मिलने वाली सुरक्षा व्यवस्था के अतिरिक्त होगी। ऐसा नक्सली या आतंकी हमले की संभावना को देखते हुए किया गया है। चुनावी दौरे पर माओवादी भी हमले की फिराक में हैं।

खुफिया सूत्रों के अनुसार बिहार-झारखंड में चुनावी दौरे पर पहुंचने वाले महत्वपूर्ण नेताओं में जेड प्लस, जेड सुरक्षा श्रेणी प्राप्त नेताओं के अलावा कई स्टार प्रचारक भी हैं जिन्हें माओवादी या आतंकी निशाना बना सकते हैं। इनमें कई केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय संघ सेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारी, कांगे्रस, लोजपा, राजद, झामुमो, झाविमो के नेता जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और बांका के राजद सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव भी शामिल हैं। बिहार-झारखंड के कई लोकसभा क्षेत्र नक्सल और आतंकियों की गतिविधियों वाला माना गया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार पटना, रांची, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बांका, मुंगेर, जमुई, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, औरंगाबाद, गया, गोड्डा, धनबाद, जमशेदपुर, हजारीबाग, दुमका को नक्सली और आतंकी हमले की संभावना वाला क्षेत्र बताया गया है।

सभा स्थल और सड़क मार्ग पर होगी विशेष निगरानी और सुरक्षा

लोकसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार को पहुंचने वाले महत्वपूर्ण नेताओं के सभा स्थल को अभेद्य बनाने की दिशा में स्पेशल ब्रांच समेत अन्य सुरक्षा अमलों की टीम लगी रहेगी। सभा स्थल के आसपास के इलाके की गतिविधियों पर भी नजर रखेगी। ऐसे महत्वपूर्ण नेताओं के आगमन पर सभा स्थल तक सड़क मार्ग से पहुंचने की स्थिति में उक्त मार्ग की विशेष निगरानी और सुरक्षा पर भी पैनी नजर रखेगी।

स्पेशल ब्रांच को लैंड माइंस डिटेक्टर, मेटल डिटेक्टर, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर के अलावा कई अत्याधुनिक निगरानी और सुरक्षा तकनीक से लैस किया गया है। हाल में सुरक्षा एजेंसियों को बांग्लादेश सीमा से सटे जारीधरला और धारीबोश गांव में आइएसआइ की गतिविधियों से संबंधित इनपुट मिले थे। इस बात की भी जानकारी सामने आई कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी फिदाइन हमलावरों को बांग्लादेश सीमा से भी प्रवेश कराने की फिराक में हैं। पूर्व में भागलपुर से तीन मई 1994 को मुहम्मद सलालुद्दीन समेत दस आतंकियों को सौ किलोग्राम शक्तिशाली विस्फोटक समेत हथियारों के जखीरे के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है।


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