बिहार: शराबबंदी को ले पंचायत की अनोखी पहल, शराबियों की शवयात्रा में शामिल नहीं होंगे ग्रामीण
बिहार के पूर्णिया जिले के एक गांव की पंचायत ने शराबियों व शराब कारोबारियों के खिलाफ बड़ा फैसला किया है। क्या है पंचायत का फैसला जानिए इस खबर में।
पूर्णिया [जेएनएन]। शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब बिक रही है। इसपर लगाम लगाने की बड़ी सामाजिक पहल पूर्णिया के कसबा प्रखंड की सब्दलपुर पंचायत के ग्रामीणों ने की है। उन्होंने शराब पीने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने तथा पी कर मरने वालों के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। गांव वालों ने अपने फैसले से स्थानीय पुलिस, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करा दिया है।
शराबियों की हरकतों से परेशानी
ग्रामीणों का कहना है कि पूरा गांव शराबियों की हरकतों से परेशान है। शायद ही कोई ऐसा दिन आता है, जब कोई शराबी हंगामा या मारपीट नहीं करता है। राह चलती लड़कियों से छेड़खानी से लेकर गाली-गलौज तक यहां आम बात हो गई है। शाम ढलते ही सड़क पर शराबी नजर आने लगते हैं।
पंचायत ने किया ये फैसला
ग्रामीणों ने स्थानीय मुखिया शमीना खातून तथा सरपंच सारेजान खातून को इसकी सूचना दी। गांव वालों की बातें सुन मुखिया व सरपंच ने रविवार को फतेहपुर साह टोला गांव निवासी टेंगर अली के घर पर ग्रामीणों की बैठक बुलाई। बैठक में पंचायत में शराबबंदी को लेकर कमेटी का गठन किया गया। बैठक में गांव वालों ने आम सहमति से फैसला लिया कि शराब पीते या जुआ खेलते पकड़े जाने वाले का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इसके अलावा शराब के कारोबारियों के खिलाफ भी यही कदम उठाया जाएगा। गांव में अगर शराब पीकर किसी की मौत हो जाती है तो उसके अंतिम संस्कार में कोई नहीं जाएगा। शराब पीकर हंगामा करने वालों की सूचना पुलिस को दी जाएगी। साथ् ही स्थानीय स्तर पर उसके परिजनों से जुर्माना वसूला जाएगा।
बैठक में मुखिया प्रतिनिधि जुल्लु रहमान, सरपंच प्रतिनिधि मो. पांचू, पंचायत समिति सदस्य सायरा बानो, समिति प्रतिनिधि नसीमउद्दीन, वार्ड सदस्य मनोज उरांव, मुमताज आलम, कमेटी अध्यक्ष मुन्ना साह, उपाध्यक्ष मोजिब साह, जुम्मन साह, कलीम साह, जहांगीर साह, नसीम साह, अब्बास साह, मिराज साह, जमाल साह, शमशेर साह, नूर साह आदि मौजूद थे।