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Bihar: इस हॉस्पिटल में चल रहा था नवजातों को बेचने का धंधा! फर्जी डॉक्टर के रैकेट का भंडाफोड़

मधेपुरा में फर्जी डिग्री पर चिकित्सक अस्पताल चला रहा था। यहां नवजात बच्चों की बिक्री की जा रही थी। एसडीओ ने छापेमारी कर चिकित्सक को किया गिरफ्तार किया है। 65 हजार में तय हुआ था बच्चा खरीद का सौदा उसी दरम्यान हुई कार्रवाई।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 01:57 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 01:57 PM (IST)
Bihar: इस हॉस्पिटल में चल रहा था नवजातों को बेचने का धंधा! फर्जी डॉक्टर के रैकेट का भंडाफोड़
मधेपुरा के निजी अस्पताल से गिरफ्तार फर्जी डॉक्टर।

जागरण संवाददाता, मधेपुरा। बिहार के मधेपुरा से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां नवजात बच्चों की खरीद फरोख्त की जा रही थी। निजी अस्पताल में नवजातों का सौदा कोई और नहीं, इसी अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर कर रहा था। मामले का खुलासे के साथ ही 65 हजार में तय किए गए एक नवजात की बरामदगी की बात भी सामने आई है।

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जिले के चौसा में फर्जी डिग्री पर अस्पताल चलाने वाला चिकित्सक डा.आरके रवि की गिरफ्तारी हुई है। गुरूवार को एसडीओ के छापेमारी में कई मामलों का खुलासा हुआ है। यहां बच्चों को भी बेचा जाता था। सूचना पर एसडीओ ने एक व्यक्ति को बच्चा खरीदने के लिए भेजा। पहले अस्पताल में 80 हजार रुपयों की मांग की गई। बाद में 65 हजार में बात तय हुई। पैसा देकर बच्चा लिया जा रहा था कि एसडीओ राजीव रंजन ने छापामारी कर चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया।

इसके बाद अब अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं चिकित्सक के आवास पर भी छापेमारी की जा रही है। जहां से कई काजगात बरामद किया गए हैं। अस्पताल के एनआइसीयू में छह बच्चे इलाज के लिए भर्ती थे। पता लगाया जा रहा है कि बच्चा की बिक्री कैसे की जाती थी। कई बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है। मालूम हो कि चौसा में बाबा विशुराउत हास्पीटल डेढ़ साल से चल रहा था। डा.आरके रवि इस अस्पताल को चला रहा था। एसडीओ को शिकायत मिली कि यहां बच्चों को बेचा जाता है। सूचना पर एसडीओ ने एक व्यक्ति को बच्चा खरीदने के लिए भेजा। खुद सिविल ड्रेस में अस्पताल के बाहर रहे। बात तय होने पर उन्होंने छापेमारी की। एसडीओ ने बताया कि कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है।

सवाल यहां ये उठता है कि जिन बच्चों को बेचा जाता था उनके माता-पिता की सहमती कैसे दर्ज करायी जाती थी। सवाल ये भी उठता है कि डेढ़ साल में यहां से कितने बच्चों को खरीदा और उन्हें बेच दिया गया। बहरहाल, इस मामले के बाद से इलाके में चर्चा तेज है।


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