इस बार दिसंबर और जनवरी का एक साथ मिलेगा अनाज, अगले महीने से समय पर होगा उठाव, जानिए...
जन वितरण प्रणाली के तहत इस बार दिसंबर और जनवरी का एक साथ लाभुकों को अनाज मिलेगा। राज्य सरकार ने बैकलॉग को समाप्त करने के लिए यह निर्णय लिया है। अभी तक एक माह पीछे का खाद्यान्न वितरित हो रहा है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जनवितरण प्रणाली के लाभुकों को इस महीने दिसंबर और जनवरी का खाद्यान्न एक साथ मिलेगा। जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों को दो महीने का खाद्यान्न मिलना शुरू हो गया है। जिन दुकानदारों ने खाद्यान्न उठा लिया है, उन्होंने लाभुकों के बीच बांटना शुरू कर दिया है।
जिले में 13 सौ से अधिक जनवितरण प्रणाली की दुकानें हैं। पांच लाख 46 हजार से अधिक लाभुक हैं। इन लाभुकों को इस माह दो महीने का खाद्यान्न दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने बैकलॉग को समाप्त करने के लिए यह निर्णय लिया है। अभी तक एक माह पीछे का खाद्यान्न वितरित हो रहा है। यानी नवंबर का खाद्यान्न जनवरी में बंटा है। लेकिन जनवरी में दिसंबर और जनवरी का एक साथ खाद्यान्न मिलने के कारण फरवरी का खाद्यान्न फरवरी में ही मिलेगा। फरवरी से बैकलॉग समाप्त हो जाएगा। जिला आपूर्ति पदाधिकारी अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में दिसंबर और जनवरी के खाद्यान्न का वितरण शुरू हो गया है। अगर कोई उपभोक्ता एक साथ दो महीने का खाद्यान्न नहीं लेना चाहते हैं तो उन्हें दो तिथि में दिया जाएगा। ऐसा निर्देश सभी डीलरों को दिया गया है। लाभुकों को चावल और गेहूं बांटा जा रहा है।
जनवितरण प्रणाली की दुकानों की जानकारी उपभोक्ताओं के पास
आपूॢत विभाग और एसएफसी का कामकाज ऑनलाइन हो जाएगा। जनवितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं को पूरी जानकारी ऑनलाइन मिलेगी। कोई भी उपभोक्ता अपने जनवितरण प्रणाली की दुकान की जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं। जिला आपूर्ति पदाधिकारी अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग का अधिकांश कामकाज अब ऑनलाइन होंगे। डीलर को पॉस मशीन पर अंगूठे का निशान लगाकर आवंटन प्राप्त करने के लिए कहा गया है। आनलाइन कामकाज शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के शुरू होने से डीलर को एसएफसी से अनाज उठाने के बाद मैसेज चला जाएगा। इसके बाद डीलर पॉस मशीन पर अंगुठे का निशान लगाकर अनाज प्राप्त कर लेंगे। डीलर के परिजन भी पॉस मशीन पर अंगुठे का निशान लगाकर अनाज उठा सकते हैं।
इसके लिए डीलर और उनके परिजनों को आधार नंबर से जोड़ा गया है। कितना अनाज एसएफसी व डीलर के पास है, इसकी जानकारी आमलोग ऑनलाइन ले सकते हैं। अनाज की गाड़ी डीलर के यहां पहुंचते ही ऑनलाइन बिल निकल जाएगा। अलग से एजेंसी को किराया से संबंधित कागजात जमा नहीं करना होगा। इसे अगले दो-तीन महीने में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी रोकने और काम में तेजी लाने के लिए विभाग के निर्देश पर इस तरह की व्यवस्था की जा रही है।
डीलरों को ऑनलाइन चालान मिलेगा। क्यूआरएस स्कैनर की चालान काटने की व्यवस्था रहेगी। इसे मोबाइल से स्कैन कर कोई भी देख सकता है। पहले कानपुर से बार कोडिंग मंगाकर चालान काटा जाता था। लेकिन अब यह व्यवस्था बंद हो गई है। एसएफसी के गोदाम को भी ऑनलाइन कर दिया गया है। वहां से आनाज लोड होने के बाद गाड़ी कहां पहुंची है, इसका भी पता चल जाएगा। आधार आधारित सिस्टम के लागू होने से उपभोक्ताओं को फायदा होगा।