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करोड़ों का राजस्व देने वाला भागलपुर स्टेशन उपेक्षित, कई ट्रेनों की दिशा बदलने पर आखिर क्यों हो रहा काम?

करोड़ों राजस्व देने के बावजूद भागलपुर स्टेशन उपेक्षित है। यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के बजाए इसमें धीरे-धीरे कटौती करने की दिशा में काम किया जा रहा है। अब विक्रमशिला एक्सप्रेस को देवघर विस्तारित करने की सुगबुगाहट तेज हो गई है...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 03:17 PM (IST)
करोड़ों का राजस्व देने वाला भागलपुर स्टेशन उपेक्षित, कई ट्रेनों की दिशा बदलने पर आखिर क्यों हो रहा काम?
भागलपुर स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों पर भी हो रहा बदलाव

जागरण संवाददाता, भागलपुर। राजस्व देने के मामले में पूर्व रेलवे का तीसरा और मालदा रेल मंडल का पहला स्टेशन होने के बावजूद भी भागलपुर स्टेशन को हमेशा उपेक्षित नजर से देखा जाता है। सलाना 35 से 36 करोड़ों राजस्व देने के बावजूद भागलपुर के यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के बजाए इसमें धीरे-धीरे कटौती करने की दिशा में की जा रही है। गत 29 सितंबर को भागलपुर से रांची चलने वाली ट्रेन को गोड्डा से और इससे पहले कवि गुरु एक्सप्रेस का जमालपुर विस्तारित करना इसका ज्वलंत उदाहरण है। वहीं अब भागलपुर से दिल्ली के लिए चलने वाली एकमात्र महत्वपूर्ण ट्रेन भागलपुर-आनंद विहार विक्रमशिला एक्सप्रेस को भागलपुर के बजाय देवघर से चलाने की योजना पर काम किया जा रहा है।

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एक-एककर महत्वपूर्ण ट्रेनों को भागलपुर से गोड्डा, देवघर, दुमका विस्तारित करने से भागलपुर के यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सोलह साल पहले भागलपुर में डीआरएम कार्यालय खोलने की घोषणा की गई थी। इसके तहत यहां ओएसडी की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गई थी। भागलपुर जंक्शन भवन के हालनुमा कमरे में ओएसडी का कार्यालय भी बनाया गया था। कार्यालय में तीन-चार कर्मियों की पोस्टिंग भी की गई। डीआरएम कार्यालय भवन के लिए भीखनपुर से बरारी के बीच रेलवे की 60 एकड़ जमीन भी चिन्हित की गई। डीआरएम कार्यालय के लिए 60 एकड़ जमीन पर्याप्त माना गया, इसलिए कि हाजीपुर में जोनल कार्यालय 50 एकड़ क्षेत्रफल में ही बनाया गया था।

डीआरएम कार्यालय की दिशा में पहल भी तेज हो गई, लेकिन 100 एकड़ जमीन के पेंच में फंस गया। तत्कालीन रेलमंत्री ममता बनर्जी ने 100 एकड़ जमीन उपलब्ध होने के बाद ही भागलपुर में डीआरएम कार्यालय बनाने की बात कही। इसके बाद से डीआरएम कार्यालय बनने का मामला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला गया और भागलपुर से डीआरएम कार्यालय हट गया, ओएसडी का पद समाप्त हो गया। हालांकि, डीआरएम कार्यालय बनाने के लिए भागलपुर में धरना-प्रदर्शन भी हुए, लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा इसके लिए खास रुचि नहीं दिखाने की स्थिति में योजना पर फिलहाल तो विराम जरूर लग गया है। यही नहीं, उप मुख्य अभियंता (निर्माण) कार्यालय भी जमालपुर के अधीन चल रहा है।

भागलपुर जंक्शन की उपेक्षा का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि भागलपुर-रांची एक्सप्रेस को ही नहीं बल्कि यहां से चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस को गोड़्डा तक विस्तारित कर दिया गया। भागलपुर-नई दिल्ली साप्ताहिक एक्सप्रेस का परिचालन हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है और अब विक्रमशिला एक्सप्रेस और एलटीटी सुपरफास्ट को गोड्डा तक चलाए जाने की सुगबुगाहट हो रही है। एक ओर जहां रेलवे राजस्व बढ़ाने के लिए गुड्स ट्रेन बढ़ाने और सूरत एक्सप्रेस में पार्सल को जोड़ा गया है और दादर एक्सप्रेस में पार्सल अटैच की योजना पर काम कर रहा है, तो दूसरी ओर भागलपुर से चलने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों का गोड्डा विस्तारित करने तथा दो अन्य ट्रेनों के विस्तारित करने की सुगबुगाहट चल रही है। ऐसी स्थिति में भागलपुर के लोगों को काफी दिक्कतें होंगी। व्यवसाय पर भी इसका असर पड़ेगा। 

क्या कहते हैं यात्री

1. भागलपुर के महत्वपूर्ण ट्रेनों का गोड्डा या देवघर विस्तारित करने से यहां के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। -राजीव कुमार सिंह

2. ऐसा करने से भागलपुर के लोगों की उपेक्षा होगा। यहां से चलनेवाली किसी भी ट्रेन का गोड्डा या देवघर विस्तारित नहीं होना चाहिए। -प्रमोद सिंह उर्फ कामराज

3. डीआरएम कार्यालय खुलने से यहां के यात्रियों को सुविधाएं मिलती। जो सुविधाएं मिल रही है रेलवे उससे भी लोगों को वंचित करना चाहता है। -मृदुलिशा

4. विक्रमशिला एक्सप्रेस सहित लंबी दूरी चलनेवाली ट्रेनों का परिचालन भागलपुर से ही होनी चाहिए। यहां की कोई भी ट्रेन गोड्डा या देवघर से नहीं चलाने पर रेलवे को विचार करने की जरूरत है। -रंजन मिश्रा

5. व्यवसायिक क्षेत्र होने के साथ ही भागलपुर एडुकेशन हब है। इसलिए ट्रेनों का दूसरे जगह विस्तारित करने के बजाए यहां सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। -गुलशन राय

क्या कहते हैं जेडआरयूसीसी सदस्य

जेडआरयूसीसी सदस्य अभिषेक जैन ने कहा कि विक्रमशिला एक्सप्रेस को देवघर विस्तारित नहीं करने के संबंध में रेलवे को पत्र लिखा गया है। पत्र में उन्होनें कहा है कि भागलपुर बहुत बड़ा मंडी है। व्यावसायिक क्षेत्र होने के साथ ही पर्यटनस्थल भी है। भागलपुर स्टेशन से रेलवे को करोड़ो राजस्व की प्राप्ति होती है। इसलिए यहां सुविधाएं बढ़ाने की आवश्यकता है। यात्रियों के मुताबिक ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस बारे में पूर्व रेलवे के अधिकारियों से बातचीत भी हुई है। मौखिक रूप से विक्रमशिला एक्सप्रेस का भागलपुर से ही परिचालन जारी रहने की बात भी कही गई है। अब किसी भी ट्रेन का गोड्डा या देवघर विस्तारित होने की बात से रेलवे अधिकारी साफ इन्कार कर रहे हैं।


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