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Bhagalpur: 527 करोड़ की जलापूर्ति योजना की धीमी चाल, पेयजल संकट से जनता बेहाल

भागलपुर में जलापूर्ति योजना का काम अब भी अधूरा है। 19 जलमीनार के बदले तीन का कार्य अब तक पूरा हो सका है। वहीं पांच अर्धनिर्मित हैं। इसके साथ ही 460 की जगह 190 किमी तक ही पाइप बिछाई गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 02:48 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 02:48 PM (IST)
Bhagalpur: 527 करोड़ की जलापूर्ति योजना की धीमी चाल, पेयजल संकट से जनता बेहाल
भागलपुर में जलापूर्ति योजना का काम अब भी अधूरा है।

 जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर में स्वच्छ पेयजल के लिए लोगों को हर दिन जूझना पड़ रहा है। 51 वार्डों की 30 फीसद आबादी को पेयजल के लिए भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। शहर में 527 करोड़ की जलापूर्ति योजना सरकारी तंत्र के पेच में उलझ गई है। पांच वर्षों बाद भी योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पाया है।

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24 सितंबर 2019 से नए सिरे से कार्य करने को दो अलग-अलग कंपनी केसीपीएल और वीएटेक वेवाग को जिम्मेदारी सौंपी गई। 2022 दिसंबर में कार्य पूरा करना है। आठ माह बीतने को है पर मोहल्ले में जलमीनार से जलापूर्ति के लिए पाइप बिछाने का कार्य धीमी गति से चल रहा है। इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज में जलस्रोत के लिए इंटेकवेल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है।

जलमीनार का कार्य अवरुद्ध

19 जलमीनार के बदले तीन का ही कार्य अबतक पूरा हो पाया है। पांच अर्धनिर्मित है। शेष का कार्य खटाई में पड़ गया है। जलमीनार के साथ बोङ्क्षरग की जानी है। ताकि वाटर वक्र्स के बदले बोङ्क्षरग से सीधी आपूर्ति की जा सके। लेकिन अब तक हाउङ्क्षसग बोर्ड में ही बोरवेल पूरा हुआ है। लेकिन बिजली कनेक्शन के अभाव में जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई। इस जलमीनार से बरारी क्षेत्र में जलापूर्ति की जानी है।

जून तक जलमीनार से पानी की आपूर्ति का दावा

बुडको का दावा है कि जून तक हाउङ्क्षसग बोर्ड, मिरजानहाट ठाकुरबाड़ी व तिलाकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर के जलमीनार से पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। जबकि इशाकचक, घंटाघर चौक व गोशाला जलमीनार के जीर्णोंद्धार का कार्य अतिक्रमण व क्वार्टर खाली कराने के कारण अधर में है।

केसीपीएल कंपनी से मांगा गया स्पष्टीकरण

केसीपीएल कंपनी को 200 किलोमीटर में पाइप बिछाने का टास्क दिया गया है। ताकि जून तक तीन जलमीनार वाले मोहल्ले में पाइप बिछाकर बोङ्क्षरग से 50 हजार लोगों को पानी की आपूर्ति की जा सके। लेकिन कंपनी द्वारा 30 किमी के लिए ही पाइप मंगवाई गई है। इसके लिए बुडको की ओर से कंपनी को नोटिस दिया गया है।

वीएटेक वेवाग कंपनी की जिम्मेदारी

कंपनी को 277 करोड़ की लागत से इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज परिसर में 140 एमएलडी क्षमता का इंटेकवेल निर्माण करना है। 90 एमएलडी क्षमता के नए वाटर वक्र्स का निर्माण किया जाना है। जलशोधन कार्य स्काडा सिस्टम से संचालित होगा। इसके माध्यम से ऑटोमैटिक कैमिकल डोज देने की सुविधा होगी। स्वीच यार्ड, 33 केवीए का विद्युत सब स्टेशन, कार पार्किंग, गार्ड रूम, स्टाप क्वार्टर, 9.1 एमएलडी का संप व प्रशासनिक भवन का निर्माण करना है। लेकिन भवनों की नींव तक पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है। जलमीनार तक पानी पहुंचाने को अब तक 28 किलोमीटर में से 7.5 किलोमीटर ही पाइप बिछाई गई है।

केसीपीएल की जिम्मेदारी

शहर में 19 जलमीनार का निर्माण और 460 किलोमीटर में पाइप बिछाने की जिम्मेदारी केसीपीएल को दी गई है। लेकिन पूर्व में पैन इंडिया द्वारा 180 किलोमीटर में बिछाई गई पाइप से आगे का कार्य नहीं बढ़ा है। 68 हजार 182 घरों में पानी कनेक्शन के बदले 14 हजार घरों को ही कनेक्शन दिया गया है।

गर्मी में जलापूर्ति संकट के निदान के लिए तीन जलमीनार के पास बोङ्क्षरग होगी। नगर निगम चाहे तो इसका उपयोग कर सकता है। हाउङ्क्षसग बोर्ड, ठाकुरबाड़ी व टीएमबीयू जलमीनार से जुड़े मोहल्ले में पाइप बिछाने का कार्य धीमी गति से चल रहा है। केसीपीएल को जून में कार्य पूरा कर पानी की आपूर्ति शुरू करने का निर्देश दिया गया है। -एस के कर्मवीर, बुडको कार्यपालक अभियंता  


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