Bhagalpur railway junction : बड़े भाई को तव्वजों नहीं और छोटे पर मेहरबानी
Bhagalpur railway junction यह जंक्शन दर्जा और राजस्व मामले में दूसरे स्टेशनों से काफी आगे हैं। इसक बावजूद यहां का विकास नहीं हो सका है।
भागलपुर, जेएनएन। राजस्व और श्रेणी के मामले में भागलपुर जंक्शन का स्थान राज्य के चुनिंदा स्टेशनों की सूची में है। ए-वन ग्रेड की हैसियत वाले जंक्शन को छोड़कर रेलवे ए-ग्रेड के स्टेशनों पर मेहरबान है। यहां से एक भी किसी शहर के लिए सीधा स्पेशल ट्रेन नहीं देकर रेलवे ने भागलपुर की जगह छोटे स्टेशन जयनगर और सहरसा रेलवे स्टेशनों को बेहतर समझा है। रेलवे ने सीधे तौर से भागलपुर को उपेक्षित किया है। सूबे का पहला स्मार्ट सिटी शहर के नाते भागलपुर पूर्व रेलवे जोन (कोलकाता) का तीसरा राजस्व देने वाला स्टेशन है। स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ दूसरे कई स्टेशनों के अपेक्षाकृत ज्यादा है। बावजूद यहां के यात्रियों का ख्याल नहीं रखा गया है। अब भागलपुर से स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग एक बार फिर जोड़ पकडऩे लगी है। लॉकडाउन के कारण पूरे देश में यात्री ट्रेन का परिचालन 24 मार्च से बंद है। रेलवे ने सौ जोड़ी ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चलाने की घोषणा की तो यहां के यात्रियों में एक उम्मीद जगी थी कि कम से कम नई दिल्ली, पटना, रांची और हावड़ा के लिए स्पेशल ट्रेनें मिलेंगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और एक भी सीधा ट्रेन नहीं मिली।
फिर हो गई भागलपुर के साथ राजनीति
भागलपुर जंक्शन को सात सालों में एक भी ट्रेनें नहीं मिली है। वहीं, इस बार स्पेशल ट्रेन का नहीं मिलने के पीछे भी राजनीति कहीं न कहीं हावी है। ट्रेन बंद होने के कारण भागलपुर के हजारों परिवार, छात्र दिल्ली, पश्चिम बंगाल, झारखंड और दूसरों राज्यों में फंसे हैं। स्पेशल ट्रेन की घोषणा से फंसे लोगों में एक आशा की किरण जगी थी की अब घर वापसी में ज्यादा मशक्कत नहीं करना होगा। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका।
-भागलपुर से भी कुछ राज्यों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की जरूरत है। रेलवे ने भागलपुर के साथ उपेक्षा किया है। भागलपुर बड़ा व्यापारी वर्ग है। इस कारण यहां स्पेशल ट्रेन न देकर सहरसा और जयनगर जैसे स्टेशनों से स्पेशल ट्रेनें दी गई है। रेल मंत्री पीयुष गोयल को इसके लिए पत्र लिखा जा रहा है। -कुंज बिहारी झुनझुनवाला, रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति सदस्य, मालदा मंडल।