मरम्मत के साथ टूट रहा एनएच-80, गड्ढों से नहीं मिली मुक्ति, तीन वर्षों में 90 करोड़ रुपये खर्च
भागलपुर जिले में तीन वर्षों में 90 करोड़ रुपये खर्च के बाद भी सबौर-कहलगांव सड़क में सुधार नहीं हुआ है। 5.75 करोड़ खर्च कर फिर से सड़क की मरम्मत कराई जा रही है। दो घंटे में ही छह किलोमीटर सड़क की मरम्मत कर दी गई है।
भागलपुर, जेएनएन। मरम्मत के बाद भी जर्जर एनएच-80की स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। सबौर इंजीनियरिंग कॉलेज से कहलगांव रमजानीपुर के बीच सड़क की मरम्मत शुरू की गई। महज दो घंटे में ही छह किलोमीटर सड़क की मरम्मत कर दी गई। स्टोन डस्ट मिश्रित गिट्टी डालकर बड़े-बड़े गड्ढे भरे गए, लेकिन जैसे-तैसे सड़क को समतल करने के कारण मरम्मत के कुछ ही देर बाद गिट्टियां उखडऩे लगीं। फिर से पहले की तरह गड्ढे बन गए।
पिछले तीन वर्षों में मरम्मत के नाम इस सड़क पर 90 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। अब एक बार फिर से 5.75 करोड़ रुपये खर्च सड़क की मरम्मत की जा रही है। निर्माण एजेंसी पलक इन्फ्रा प्रोजेक्ट को मरम्मत की राशि भी भुगतान कर दी गई है।
शनिवार को छह किलोमीटर तक मरम्मत हुई सड़क पर गाडिय़ां हिचकोले खाकर आगे बढ़ रही हैं। इस दूरी को तय करने में एक घंटा लग जा रहा है। वहीं, धूल उडऩे से वाहन चालकों को अच्छी तरह दिखाई नहीं पड़ता है। ऐसी स्थिति में दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। एनएच विभाग के अभियंता अविनाश कुमार ने कहा कि स्टोन डस्ट मिश्रित गिट्टी डालकर गड्ढों को भरने के बाद बोल्डर पीचिंग कराई जाएगी। इसके बाद सड़क पर बिटुमिनस (अलकतरा-गिट्टी मिश्रित) डाला जाएगा। एक सप्ताह में काम पूरा करने की योजना है। रविवार से मरम्मत कार्य जारी रहने तक भारी वाहनों का इस मार्ग में परिचालन नहीं होगा।
रोक के बावजूद जारी रहा भारी वाहनों का परिचालन
जिला प्रशासन ने शनिवार सुबह छह बजे से एनएच-80 पर कहलगांव और सबौर के बीच भारी वाहनों का परिचालन बंद करने की बात की थी, लेकिन पूरे दिन कहलगांव की तरफ से वाहनों के आने का सिलसिला जारी रहा। वाहनों के दबाव में सबौर और जीरोमाइल के बीच पूर्वाह्न 11 बजे तक जाम से लोगों को जूझना पड़ा। जर्जर सड़क के कारण दुर्घटनाएं हो रहीं हैं।