... जब अपने ही पूर्व सांसद पर भड़क उठे राजद कार्यकर्ता, कहा-पार्टी हित में कुछ नहीं किया
भागलपुर में राजद के जिला कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे से पूर्व सांसद सहित कई बड़े नेता। इसी दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने अपने ही नेता पर पार्टी हित की उपेक्षा करने का आरोप लगा दिया। बोले ना तो पार्टी के लिए कुछ किया और न ही कार्यकर्ताओं के लिए।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिला राजद कार्यालय के उद्घाटन समारोह में पहुंचे पूर्व सांसद सह युवा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने कहा कि कार्यकर्ता ही पार्टी के रीढ़ हैं। अब जिला कार्यालय खुलने से संगठन के कार्य में तेजी आएगी। उन्होंने संगठन के मजबूती पर बल दिया। पूर्व सांसद के भाषण के बाद मंच पर मौजूद कहलगांव के एक कार्यकर्ता ने सांसद को खूब सुनाया। कार्यकर्ता ने कहा कि युवा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद रहते हुए भी आपने कार्यकर्ताओं के लिए कुछ नहीं किया। कार्यकर्ता ने भरे मंच से कई पार्टी हित में काम नहीं करने का आरोप भी लगाया।
इससे पूर्व उद्घाटन कार्यक्रम का शुभारंभ बांका के पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव, युवा राजद के राष्ट्रीय, नाथनगर विधायक अली अशरफ सिद्दीकी, धोरैया विधायक भूदेव चौधरी, पूर्व विधायक रामविलास पासवान, पूर्व विधायक फणेंद्र चौधरी ने संयुक्त रूप से किया। बांका के पूर्व सांसद ने केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर खूब निशाना साधा। जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर यादव ने कहा कि जिला कार्यालय खुलने से संगठन कार्य नियमित रूप से संचालित होगा। पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने में सहूलियत होगी। इस मौके पर युवा राजद प्रदेश प्रवक्ता अरुण यादव, प्रदेश महासचिव डॉ. चक्रपाणि हिमांशु, प्रदेश सचिव डॉ. तिरुपति नाथ यादव, जिला प्रधान सचिव विश्वजीत कुशवाहा, जिला महासचिव अमर यादव, डॉ. नितेश कुमार, राबिया खातून, पूनम पांडे, केदारनाथ यादव, मु. मेराज अख्तर, नंदकिशोर यादव, मनजीत ठाकुर, सलाउद्दीन सहित कई थे।
जदयू के महानगर अध्यक्ष ने थामा राजद का हाथ
इस दौरान जदयू के महानगर अध्यक्ष मु. रिजवी, सोनाली सिंह, राकेश यादव, टुनटुन यादव सहित अन्य लोग राजद में शामिल हुए। जिलाध्यक्ष ने सभी को सदस्यता दिलाई।
केंद्र को बताया किसान विरोधी
कृषि कानून का विरोध करते हुए राजद कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हित में कोई कदम नहीं उठाया है। कहा कि कृषि कानून किसान विरोधी है। इससे किसानों को कोई खास फायदा नहीं है।