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नाथनगर की आबोहवा प्रदूषित, कूड़ा डंप कर निगम फैला रहा संक्रमण

भागलपुर। कोरोना संक्रमण जिस तरह से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है वहीं नगर निगम सड

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 11:11 AM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 11:11 AM (IST)
नाथनगर की आबोहवा प्रदूषित, कूड़ा डंप कर निगम फैला रहा संक्रमण
नाथनगर की आबोहवा प्रदूषित, कूड़ा डंप कर निगम फैला रहा संक्रमण

भागलपुर। कोरोना संक्रमण जिस तरह से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, वहीं नगर निगम सड़क किनारे कूड़ा फेंक कर संक्रमण को आमंत्रण दे रहा है। नगर निगम शहर के कूड़े को डंपिग ग्राउंड के बजाय नाथनगर के चंपा चंपा पुल से दोगच्छी के बीच एनएच के किनारे फेंक रहा है। डंपिग ग्राउंड होने के बावजूद वह नदियों और सड़कों के किनारे कूड़ा डंप कर रहा है। सड़क किनारे एक किलोमीटर की दूरी तक कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। इसमें कूड़ेदान में डाले गए मास्क ग्लब्स और बायो वेस्ट भी शामिल है। इससे नाथनगर की आबोहवा दूषित हो रही है। नगर निगम प्रशासन जानबूझकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उसे एनजीटी के गाइडलाइन का भी कोई फर्क नहीं पड़ता।

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निगम और भू माफिया की साठगांठ

शहर से प्रतिदिन 250 मीट्रिक टन (एमटी) कूड़ा निकलता है, जिसमें से नाथनगर में 150 एमटी से अधिक कूड़ा 45 ऑटो टीपर व 12 ट्रैक्टर के माध्यम से उठाया जाता है, लेकिन निगम व भू-माफिया की साठगांठ से कूड़ा गिराकर भरा जा रहा है। यहां कूड़ा गिरा रहे ऑटो चालक से जब पूछा गया कि किसके आदेश से कूड़ा गिराया जा रहा है तो उसने ग्रामीणों को खड़ा कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि यह एनएच की जमीन है। यहां कूड़ा भरवा कर झोपड़ी बनाएंगे और मवेशियों को भी रखेंगे। यहां स्थानीय पार्षद से अनुमति लेकर कूड़ा गिराया जा रहा है।

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मायागंज मोहल्ले में भी गिर रहा कूड़ा

इतना ही नहीं चंपा नदी के अलावा मायागंज मोहल्ले में एक बड़ा हथिया नाला है। इस नाले को भी शहर के कूड़े से भर दिया गया है। प्रभारी नगर आयुक्त की रोक के बावजूद जोनल प्रभारी वहां पूरा गिराने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसके साथ बाइपास, मिर्जापुर आदि मोहल्लों में कूड़ा डंप किया जा रहा है। दोगच्छी के समीप कूड़ा गिराने से 2 दर्जन से अधिक बबूल और एक विशाल पेड़ पीपल के नष्ट हो चुके हैं। पिछले 15 साल में सड़क किनारे शहर का कूड़ा डालकर निगम ने सैकड़ों पेड़-पौधों को नष्ट कर दिया। कूड़ा गिराने के बाद निगम ने उसपर मिट्टी डाल दी।

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तीन सौ पौधों को कूड़े के नीचे पाट दिया

चंपा पुल से दोगच्छी के बीच दो साल पहले वन विभाग ने करीब 300 से अधिक कदम जामुन आम, वट, महाजन व बबूल का पौधरोपण किया था। अब यह पौधे सूख गए हैं। सरकार जहां जनजीवन हरियाली को लेकर अभियान चला रही है, वहीं नगर निगम इस अभियान में पलीता लगा रहा है। निगम ने उन पौधों के ऊपर भी कूड़ा डंप कर दिया, जिससे सारे पौधे दबकर खत्म हो गए। कूड़े की बदबू से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ स्थानों पर कूड़े में आग भी लगा दी गई, जिससे निकलने वाला जहरीला धुंआ शहर की हवा में घुल कर पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण के लिए कार्ययोजना तक नहीं है। चंपानगर के बाइसबिग्घी में भी कूड़े गड्ढे को भरकर आवासीय कॉलोनियां बसाई जा रही हैं।

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मोहल्लों से नियमित नहीं होता उठाव

शहर की मुख्य सड़कों से कूड़े का उठाव सिर्फ कंपेक्टर के सहारे ही होता होता है। वहीं लोहापट्टी के सब्जी मंडी का कूड़ा हाइवा के माध्यम से उठाव होता है। इसके लिए भी कोई रूटीन तय नहीं है। मोहल्ले की इससे बदतर स्थिति बनी हुई है, जबकि सफाई को चार जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन को दो से चार ट्रैक्टर उपलब्ध कराए गए हैं। एक जोन को 12 से 13 वार्डों की जिम्मेदारी दी गई। संसाधन कम होने से नियमित उठाव नहीं होता है। इससे एक सप्ताह से 20 दिनों तक गलियों मे कूड़े का अंबार लगा रहता है।

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डंपिग ग्राउंड मिला पर प्रोसेसिग प्लांट में अड़ंगा

51 वार्डों से प्रतिदिन निकलने वाले 250 मीट्रिक टन कूड़ा गिराने को सरकार ने जगदीशपुर प्रखंड के कनकैथी में 4.68 एकड़ डंपिग ग्राउंड के लिए जमीन उपलब्ध कराई है। तीन वर्षों में नगर निगम ने डंपिंग ग्राउंड में चारदीवारी का निर्माण अधूरा छोड़ रखा है। अब तक कूड़ा प्रोसेसिग की व्यवस्था नहीं हुई। यहां कूड़े का पहाड़ खड़ा कर दिया गया। स्मार्ट सिटी की योजना ने कार्ययोजना तैयार की गई, लेकिन पर्याप्त जमीन नहीं मिलने से योजना लंबित है। प्लांट के लिए 20 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, ताकि सूखा कचरा से ऊर्जा तैयार करने की योजना है। 1 सप्ताह पहले देश की कई सॉलिड वेस्ट की कंपनी के प्रतिनिधि निगम के अधिकारियों से बातचीत की है। साथ ही अपने कार योजना वह प्लांट की विस्तृत जानकारी भी दी। लेकिन इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हुआ।

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जिम्मेदार के अलग ही हैं तर्क

जगदीशपुर प्रखंड में नगर निगम का डंपिग ग्राउंड तो है, लेकिन यहां भी कूड़े का पहाड़ खड़ा हो चुका है। कूड़ा हटाकर समतल करने के लिए पोकलेन तक निगम के पास नहीं है। नगर निगम के स्वास्थ्य का प्रभारी विकास हरि का कहना है कि कूड़े के पहाड़ के कारण गाड़ियां अब वहां तक नहीं पहुंच पा रही है। जिसके कारण समस्या उत्पन्न हुई है। ऐसे में कूड़ा कहां गिर आएंगे यह बड़ी समस्या हुई है। पोकलेन और जेसीबी खरीदारी के लिए पूर्व में भी प्रस्ताव दिया गया था। मशीन की खरीदारी नहीं होने से भी समस्या है।

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कोट

कोरोना संक्रमण को देखते हुए नगर निगम को विशेष साफ-सफाई का निर्देश दिया गया है। वैसे अगर जहां-तहां कूड़ा गिर रहा है तो दोषियों की पहचान कर नगर आयुक्त को कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। शहर का कूड़ा किसी भी सूरत में डंपिग ग्राउंड में ही गिरेगा।

सीमा साहा, मेयर

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कोट

कनकैथी डंपिग ग्राउंड में ही कूड़ा डंप होगा। जोनल प्रभारियों को इसको लेकर सख्त निर्देश दिया गया है। कूड़ा गिराया है तो ऐसे लोगों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।

- प्रफुल्ल चंद्र यादव, प्रभारी नगर आयुक्त


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