भागलपुर : भारी-भरकम शरीर वाले नेताजी अस्वस्थ, गाढ़े वक्त में काम आने वाले को दे रहे बददुआ
भागलपुर इन दिनों भारी-भरकम शरीर वाले नेताजी अस्वस्थ हो गए हैं। कभी गाढ़े वक्त में काम आने वाले में ये काफी गुस्से में हैं। ऐसे लोगों को बददुआ दे रहे हैं। नेताजी जिंदगी और माैत से जूझ रहे हैं।
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। गाढ़े वक्त में काम आने वाले को दे रहे बददुआ : सिल्क सिटी भागलपुर की राजनीतिक हलचल हो या जरायम दुनिया में पैठ, समाजसेवा हो या पुलिस अधिकारियों से गलबहियां की बात सब में आगे रहने वाले एक भारी-भरकम शरीर वाले नेताजी इन दिनों काफी अस्वस्थ हैं। उनके स्वस्थ होने की कामना जहां स्वजन कर रहे हैं, वहीं काफी संख्या में उनके करीबी उनके स्वस्थ नहीं होने की बददुआ दे रहे हैं। बददुआ देने वाले अधिकांश उनके स्वस्थ रहते उनके प्रभावशाली काल में करीबी ही हैं, जिनके लिए नेताजी गाढ़े वक्त में क्या-क्या नहीं किया। पुलिस पदाधिकारी समेत कई अहम विभागों में उनसे उपकृत होने वालों की संख्या तो सैकड़ों में रही है लेकिन उनके लिए बददुआ वही दे रहे हैं जिनके लिए नेताजी ने धंधे में एक झटके में करोड़ों लगा रखे थे। नेताजी जिंदगी और माैत से जूझ रहे हैं, बददुआ देने वाले टकटकी लगा बुरी खबर की आस लगाए हैं ताकि करोड़ों की रकम आसानी से पचाया जा सके।
दीपावली में मालपुआ खाने वाले कराएंगे धमाका
भागलपुर। होली में मालपुआ की पुरातन परंपरा से इतर खाकी महकमे के कई घाघ इन दिनों दीपावली के आने की तैयारी में मालपुआ खाने लगे हैं। यह मालपुआ उन्हें पटाखे के धंधे के पुराने घाघ खिलाने में लगे हैं। इस जुगाड़ से ट्रक का ट्रक घातक पटाखा अपने तहखाने वाले गोदाम में भरने लगे हैं। व्यस्त शहरी क्षेत्र के घनी आबादी वाले पांच टोलों में और कुछ बाइपास से सटे दो-तीन गांवों में भी घातक पटाखें ठूंसे गए हैं। जिससे बड़े धमाके की संभावना फिर बढ़ गई है। शहरी इलाके में इस साल हुए भीषण धमाके के बाद साहब का गुस्सा फूटा तो कई बड़ी उपलब्धियां भी हासिल हुई थी। तब खाकी वाले से धंधेबाज इतने भयभीत हुए थे कि धंधे से तौबा कर लिया था लेकिन मालपुआ की जुगाड़ से फिर धंधा चोखा कर लिया है। सीमांचल और नजदीकी जिलों में छोटी गाड़ियों में माल भेजे जाने लगे हैं।