Move to Jagran APP

भागलपुर नगर निगम : मेयर ने तीन कर्मियों की काटी हाजिरी, विकास कार्यों की समीक्षा

भागलपुर नगर निगम मेयर ने बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की जताई है आशंका। पुराने निविदा के कार्यों में प्रगति का दिया निर्देश संवेदक के साथ होगी बैठक। प्रभारी नगर आयुक्त ने कैशबुक की जांच कर एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 01:59 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 01:59 PM (IST)
भागलपुर नगर निगम : मेयर ने तीन कर्मियों की काटी हाजिरी, विकास कार्यों की समीक्षा
भागलपुर की महापौर सीमा साहा, जिन्‍होंने की कार्रवाई।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम को स्थायी तौर पर नगर आयुक्त नहीं मिलने से कार्यालय व्यवस्था पर खासा असर पड़ रहा है। कार्यों के निष्पादन की रफ्तार थम सी गई है। इसे पटरी पर लाने को गुरुवार की दोपहर दो बजे मेयर सीमा साहा नगर निगम कार्यालय पहुंचीं। कार्यालय अधीक्षक शब्बीर अहमद से कर्मियों की उपस्थिति पंजी मंगवाईं, जिसमें दोपहर तक गैरहाजिर योजना शाखा के देवेंद्र वर्मा, बबलू व एक माली की हाजिरी काट दी।

loksabha election banner

पुराने निविदा के कार्यो की प्रगति को लेकर उपनगर आयुक्त प्रफुल्ल यादव व योजना शाखा प्रभारी पंकज कुमार के साथ बैठक की। बोङ्क्षरग के साथ सड़क निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। संवेदकों के साथ विशेष बैठक करने की कार्ययोजना तैयार की है। मेयर ने बताया कि स्थायी नगर आयुक्त के नहीं रहने से कार्य बाधित हो रहा है। प्रत्येक वार्ड के लिए कंबल व कूड़ेदान की खरीदारी की प्रक्रिया उलझ गई है।

होडिंग फटा तो मेयर ने मांगा जवाब

शहर में शुभकामना संदेश वाले मेयर, डिप्टी मेयर व जिला परिषद अध्यक्ष के होडिंग को किसी ने फाड़ दिया। इसको लेकर मेयर सीमा साहा ने सिटी मैनेजर को जमकर फटकार लगाई। सिटी मैनेजर को शहर में क्षतिग्रस्त बैनर व होडिंग की गिनती करने का टास्क दे दिया। कितनी एजेंसी पर होडिंग टैक्स का बकाया है उसका भी जवाब मांग लिया है। इसके साथ ही अवैध होडिंग को हटाने का निर्देश दिया है।

ट्रेड लाइसेंस मामले की होगी जांच, तीन सदस्यीय टीम गठित

नगर निगम में फर्जी ट्रेड लाइसेंस निर्गत करने के मामले की आतंरिक जांच शुरू हो गई है। प्रभारी नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने जांच टीम का गठन किया है। जिसमें उपनगर आयुक्त प्रफुल्ल यादव, होल्डिंग टैक्स प्रभारी प्रदीप झा व मो. शहजादा को शामिल किया गया है। इन्हें सात दिनों के अंदर निगम के कैश बुक की जांच करनी है। इसमें जिस-जिस लाभुक की राशि जमा हुई, उसकी सूची तैयार की जाएगी। टीम को निगम से जारी ट्रेड लाइसेंस की भी जांच करने का निर्देश दिया गया है। ताकि, बिना राशि जमा कर ट्रेड लाइसेंस निर्गत करने की जानकारी मिल सके। टीम को एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार कर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इससे पूर्व, इस मामले में बड़े स्तर पर कुछ कर्मियों की संलिप्तता की संभावना को लेकर मेयर ने भी अधिकारियों से विस्तृत जानकारी मांगी थी। दरअसल, निगम में कुछ दिन पहले ट्रेड लाइसेंस नवीकरण कराने एक व्यवसायी पहुंचे थे। पर निगम के रजिस्ट्रर में कहीं भी उनके नाम का जिक्र नहीं था। जब शाखा प्रभारी ने पड़ताल की तो रजिस्टर में ऐसे आधा दर्जन से अधिक मामले अंकित नहीं पाए गए। कई लाइसेंस की राशि तक जमा नहीं कराई गई थी। जबकि प्रमाण पत्र में अधिकारियों के हस्ताक्षर भी स्कैन कर अंकित किए हुए थे। इसकी जानकारी निगम अधिकारियों को शाखा प्रभारी ने दी थी। मेयर ने इस मामले में वित्तीय अनियमितता की संभावना जताई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.