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भागलपुर नगर निगम : मात्र 45 मिनट में 18 लाख 12 हजार 95 रुपये 83 पैसे का लाभ, अधिकांश पार्षदों ने साधी चुप्‍पी

नगर निगम की सामान्य बोर्ड की बैठक में शहर के विकास का एजेंडा तैयार बोर्ड ने 2022-23 वित्तीय वर्ष का 45 मिनटों में 18 लाख 12 हजार 95 रुपये 83 पैसे के लाभ का बजट पास किया। 45 मिनटों में निगम का वार्षिक बजट पास।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 05:04 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 03:31 PM (IST)
भागलपुर नगर निगम : मात्र 45 मिनट में 18 लाख 12 हजार 95 रुपये 83 पैसे का लाभ, अधिकांश पार्षदों ने साधी चुप्‍पी
नगर आयुक्त ने कहा, बैठक में सिर्फ होगी बजट की चर्चा, वार्ड की समस्या पर करें लिखित शिकायत।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम सभागार में वार्षिक बजट को लेकर सोमवार को मेयर सीमा साहा की अध्यक्षता में सामान्य बोर्ड की बैठक हुई। कोरोना काल के बाद निगम में दो वर्षों बाद बोर्ड की बैठक हुई। नौ जून को बोर्ड का कार्यकाल पूरा होना है। निगम बोर्ड के इस कार्यकाल की अंतिम बैठक की घोषणा नगर आयुक्त ने कर दी। लिहाजा, बोर्ड ने 2022-23 वित्तीय वर्ष का 45 मिनटों में 18 लाख 12 हजार 95 रुपये 83 पैसे के लाभ का बजट पास किया। इस दौरान शहर के विकास को लेकर पार्षदों ने अपनी सहमति से प्रस्ताव पारित कर दिया।

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लेखा शाखा प्रभारी पंकज कुमार ने वार्षिक बजट को सदन के समझ रखा। सदन के समक्ष चार अरब 99 करोड़ 37 लाख 14 हजार 779 रुपये कुल आय की संभावना का प्रस्ताव रखा गया। वहीं, खर्च के मद में चार अरब 99 करोड़ 19 लाख दो हजार 683 रुपये का प्रावधान है।

बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 21 लाख 63 हजार 697 रुपये के बजट पर मुहर लगा था। बजट में पिछले पांच वर्षों सिर्फ प्रस्ताव पारित हुए, लेकिन उन पर अमल नहीं हुआ।

सदन में छाया रहा सन्नाटा, पार्षद रहे खामोश

नगर निगम में बजट सत्र के दौरान अधिकांश पार्षद चुप्पी साधे रहे, जबकि निगम की बोर्ड बैठक हमेशा हंगामेदार होती रही है। नगर आयुक्त डा. योगेश कुमार सागर ने पार्षदों से आग्रह किया कि यह सामान्य बोर्ड की अंतिम बैठक है। इसलिए इसमें सिर्फ बजट पर चर्चा होगी। इसके अलावा जो भी समस्या है उसकी लिखित शिकायत करें। सभी समस्याओं का निदान होगा। इसके बाद कुछ पार्षदों ने कहा कि यह अंतिम बैठक है, इसलिए बोलने का अवसर मिलना चाहिए। पार्षद डा. प्रीति शेखर व रश्मि रंजन ने बेबाक तरीके से अपनी बातें रखीं।

अपनी मांगों पर डिप्टी मेयर रहे चुप

28 मार्च को सशक्त स्थायी समिति की बजट की बैठक हुई थी। डिप्टी मेयर राजेश वर्मा से लंबित योजनाओं को समय पर पूरा नहीं करने को लेकर जमकर विवाद हुआ था, लेकिन इस बार वह भी बैठक में शांत दिखे। सामान्य व स्थायी समिति की बैठक के प्रस्तावों पर अमल करने, जैन मंदिर मार्ग का निर्माण शीघ्र पूरा करने, शौचालय पानी की सुविधा व नियमित सफाई, आउटसोर्सिंग कंपनी की निविदा रद करने, मनमाने तरीके से कार्य पर लगाम लगाने और निर्धारित समय पर कार्य पूरा नहीं करने वाले संवेदकों को ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव रखा गया। इन सारे सवालों पर सभी पार्षदों चुप रहे।

पांच वर्षों में कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा

अब चुनाव नजदीक है। दिखाने को कुछ नहीं। जब पांच वर्ष में कुछ नहीं हुआ तो अब प्रस्ताव लाने से कोई फायदा नहीं। इससे बेहतर है चुप रहना। इसके बाद जनता तय करेगी कि कौन सदन में आएगा और कौन नहीं। निगम की व्यवस्था से पार्षद खिन्न थे। पार्षदों के चेहरे पर चुनाव की ङ्क्षचता थी। निगम प्रशासन ने भी सभी पार्षदों को मेमोंटो व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। नगर आयुक्त ने मेयर व डिप्टी मेयर को सम्मानित किया।

पार्षदों ने ये दिए सुझाव

  • - निगम ने 14वें वित्त आयोग के फंड से निविदा किया पर राशि के अभाव में कार्य बंद है
  • - मुहल्ले से कचरे का उठाव नहीं हो रहा, मानव बल बढ़ाया जाए
  • - कबीर अंत्येष्टी की राशि नहीं मिली है, पार्षदों का खाता तक नहीं खुला
  • - गोदाम में रखे स्क्रेप की बिक्री पर 11.5 लाख रुपये का प्रावधान, प्रस्ताव लेने के उपरांत भी नीलाम नहीं हुआ
  • - घर-घर कचरा संग्रहण पर नौ करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है, लेकिन कचरा संग्रहण की शुरुआत नहीं हुई
  • - स्टीट लाइट का रखरखाव नहीं हो रहा, कई लाइट खराब पड़े हैं
  • - बिजली विभाग द्वारा लगाए गए नए पोल पर स्ट्रीट लाइट का अभाव है
  • - एक भी पुलिया की मरम्मत पांच वर्ष में नहीं हुई, फिर बजट में प्रावधान का क्या फायदा
  • - कार्यालय की व्यवस्था के लिए बजट है पर पार्षद कक्ष में एक पंखा तक नहीं है
  • - शौचालय व रैन बसेरा जर्जर अवस्था में है, इससे दुरुस्त कराया जाए
  • -सरकारी ग्रांट पर निगम निर्भर है, आंतरिक संसाधन को बढ़ाने को अवैध होर्डिंग व पार्किंग से सुविधा शुल्क ले
  • - शहर के सरकारी स्कूलों को खेल मैदान, लाइब्रेरी, रंग-रोगन व मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराया जाए
  • - सड़क पर मलबा फेंकने वालों की निगरानी तहसीलदार व वार्ड प्रभारी करेंगे, लोगों से यूजर चार्ज लिया जाए
  • - आटो टीपर व ठेला मिला है पर चालक के अभाव में फांक रही धूल
  • पांच वर्षों में इन पर नहीं हुआ कार्य
  • - शहर में करीब 10 स्थानों पर मूत्रालय में पानी की व्यवस्था नहीं
  • - शौचालय को पीपीपी मोड पर नहीं देने से रखरखाव की समस्या
  • - श्मशान घाट पर सिंगल विडो सिस्टम पर अमल नही, मूलभूत सुविधा का अभाव
  • - बरारी श्मशान घाट पर विद्युत शवदाह गृह को छोड़ दर तय नहीं हुई
  • - नगर निगम की खाली जमीन पर मार्केङ्क्षटग कांपलेक्स के प्रस्ताव पर अमल नहीं
  • - नाथनगर सहित 57 वेंडिंग जोन व्यवस्थित नहीं किया गया
  • - 51 प्याऊ निर्माण की प्रक्रिया धरातल पर नहीं उतरी
  • - अवैध होर्डिंग, अवैध निर्माण पर कार्रवाई सुस्त
  • - अवैध तरीके से जल व्यापार दुकानों, विवाह भवन व लाज नहीं ला एगए व्यावसायिक टैक्स के दायरे में
  • - आवारा पशु के लिए कांजी हाउस खोलने के प्रस्ताव पर नहीं हुआ कार्य
  • - डंपिंग ग्राउंड में प्रोसेसिंग प्लांट पर नहीं हुआ कार्य
  • - निगम में आने वाले लोगों के बैठने की नहीं मिली सुविधा

संभावित आय व योजना

  • अवैध निर्माण के लिए जुर्माना : 23 लाख रुपये
  • निजी जल कुआं व बोरिंग की सफाई : आठ लाख रुपये
  • कचरा संग्रहण प्रभार : एक करोड़ रुपये
  • पार्किंग शुल्क : 6.5 लाख रुपये
  • पार्क में प्रवेश शुल्क : 7.50 लाख रुपये
  • स्क्रेप की बिक्री : 11.50 लाख
  • नमामि गंगे अनुदान : 5.75 करोड़
  • घर-घर कचरा संग्रहण अनुदान : नौ करोड़
  • हाउङ्क्षसग फार आल पर : 11.50 करोड़
  • अमृत योजना पर : 4.52 करोड़ 87 हजार
  • खेल मैदान के रखरखाव पर : 18. 97 लाख
  • स्कूलों के मरम्मत में : 6.32 लाख
  • सार्वजनिक शौचालय के रखरखाव पर 3.16 करोड़
  • कचरा निकासी पर : 25 करोड़

नगर आयुक्त कहा, समस्या का होगा निदान

शहर में जल निकासी के लिए बुडको से नाले का निर्माण हुआ, लेकिन इसके स्लैब को काफी दूरी तक ढलाई करने की शिकायत मिली है। इसकी जांच कार्यपालक अभियंता करेंगे। वहीं खराब स्ट्रीट लाइट को निगम व एस्सल कंपनी बदलेगा। स्क्रेप की बिक्री पर भी विचार होगा। नए पोल पर स्ट्रीट लाइट लगाने से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है। वाटर वक्र्स से स्वच्छ जल मिले इसके लिए कर्मियों को जलशोधन के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। कबीर अंत्येष्टी की राशि के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। - डा. योगेश कुमार सागर


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