भागलपुर से कहलगांव की यात्रा : 'ना बाबा ना.. अब नहीं जाएंगे इस मार्ग से'
बिहार का महत्वपूर्ण जिला है भागलपुर। यह स्मार्ट सिटी भी है। लेकिन यहां आने के बाद एनएच 80 की बदहाली को देखकर आपकी भ्रांति खत्म हो जाएगी। अगर आप भागलपुर से कहलगांव के लिए निकलें तो आप कहेंगे इस मार्ग से होकर अब कभी नहीं जाएंगे।
भागलपुर [ललन तिवारी ]। एनएच 80 का न तो नव निर्माण हुआ और न ही जीर्णोद्धार किया जा सका। सरकार के वादे चुनावी शोर में विलीन हो गए। एन एच 80 की बदहाली का आलम यह है कि इस मार्ग से होकर आम आदमी तो दूर वाहन चालक भी नहीं जाना चाहते। भागलपुर शहर के पूर्वी भाग में स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज पार होते ही सभी को धूल और जाम का सामना करना पड़ता है। सड़क की स्थिति तो और भी भयावह बनी हुई है। जगह-जगह बड़े-बड़े गडढे हैं। सबौर से लेकर कहलगांव तक की यात्रा किसी भयावह परेशानी से कम नहीं है।
जाम और धूल से बेहाल रहते हैं राहगीर
शहर के करीब सबौर प्रखंड की दुर्दशा की बात करें तो यहां बिहार का इकलौता कृषि विश्वविद्यालय है। इसके अलावा कई महाविद्यालय, ब्लॉक, कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान इस इलाके में हैं। कई दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं। काफी संख्या में बाहर के लोगों को यहां आना होता है। इसके बावजूद मार्ग की स्थिति बदतर बनी हुई है। शहर व जिला मुख्यालय जाने का एकमात्र रास्ता एनएच 80 है। लेकिन आए दिन सड़क पर पैदल चलने की भी स्थिति नहीं रहती है। बाइक और छोटे बाहन घंटों फंसे रहते हैं। जिस पर सवार लोग धूल फांकते हैं। सांस लेने में दम घुटता है। लेकिन इसकी प्रवाह किसी को नहीं है।
क्यों बन गई इतनी भयावह स्थिति
एक तो जर्जर सड़क, उस पर ओवरलोड वाहनों की लंबी कतार। इतना ही नहीं वनवे होने के बावजूद सबौर की ओर से भी विपरीत दिशा में अवैध रूप से दर्जनों बड़े वाहनों का परिचालन एनएच 80 की स्थिति को इतनी भयावह बना दिया है कि लोग इस मार्ग से कदापि गुजरना नहीं चाहते। जाम के कारण अब ग्राहक बाहर से मेरे यहां सामान खरीदने नहीं आतेे। पहले हमारेे यहां का सोफा, पलंग, बेड, कहलगांव और पीरपैंती तक जाता था। जाम ने व्यवसाय को बर्बाद कर दिया है। - अनिल शर्मा, अनिल इंजीनियरिंग सबौर
पिछले साल दीपावली और धनतेरस पर जितनी बाइक की बिक्री हुई थी थी उसकी इस बार आधी भी नहीं बिक सकी। उसका मूल कारण 24 घंटा एनएच पर ट्रकों की लंबी कतार खड़ी रहना है। अगर ऐसी स्थिति रही तो मुझे शोरूम बंद कर किसी दूसरे राज्य में नौकरी ढूंढनी पड़ेगी। - पंकज कुमार, गीता इंटरप्राइजेज, हीरो शोरूम सबौर
जाम और रोड की जर्जर स्थिति की वजह से पेट्रोल और डीजल के बिक्री पर भी बहुत ज्यादा विपरीत असर हो गया है। साथ ही जाम की वजह से ससमय तेल का टैंकर आने जाने में भी भारी कठिनाई होती है। इसके कारण व्यवसाय पर बुरा असर हो रहा है। - जयप्रकाश मंडल, जेपी रत्ना पेट्रोल पंप सबौर
पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से दर्जनों ट्रक वनवे में कहलगांव की ओर भेजा जाता है जाम का मूल कारण यही है। ओवरलोड वाहनों पर भी कोई बंदिश नहीं होने के कारण जगह जगह ट्रक खराब होते रहता है। जिससे लाखों की आबादी का दम घुटता है। - अभय कुमार प्रमुख सबौर
प्रशासनिक लचर व्यवस्था लाखों की आबादी को असमय मौत के मुंह में ढकेल रहा है। पांच दिसंबर से एनएच पर जाम, अवैध परिचालन और पथ के निर्माण को लेकर आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा। - महेश यादव जिला परिषद सदस्य उत्तरी क्षेत्र सबौर