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Bhagalpur flood news: खरीक में चार घर नदी में समाए, टपुआ गांव के कटाव पीडि़त हैं परेशान

Bhagalpur flood news भागलपुर के दर्जनों घर कटाव के मुहाने पर दहशत में लोग। थमने का नाम नहीं ले रहा है कोसी का कटाव। कहलगांव के शारदा पाठशाला की जमीन व अन्य जगहों पर झोपड़ी बनाकर दो वर्षों से रह रहे लोग।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 03:10 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 03:10 PM (IST)
Bhagalpur flood news: खरीक में चार घर नदी में समाए, टपुआ गांव के कटाव पीडि़त हैं परेशान
बिहपुर के जयरामपुर-गुआरीडीह स्थित पुरातात्विक टीले में हो रहा कोसी का तेज कटाव।

संवाद सूत्र, खरीक/कहलगांव (भागलपुर)। Bhagalpur flood news: भागलपुर के खरीक प्रखंड में कोसी नदी का कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोसी पार स्थित भवनपुरा पंचायत के मैरचा गांव में बुधवार को फिर अरूण दास, राजेश दास, सर्वेश दास एवं विन्देश्वरी दास का घर नदी में समा गया। जबकि, कई घर पूरी तरह कटाव के मुहाने पर आ चुके हैं। जो कभी भी नदी में समा सकते हैं। कोसी नदी के ही चोरहर एवं ङ्क्षसहकुंड गांव में भी कटाव का कहर जारी है। यहां भी कई घर कटाव के मुहाने पर है। लगातार हो रहे कटाव से तीनों गांवों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। जिसके कारण लोगों का पलायन जारी है। बिहपुर प्रखंड के कहारपुर में भी कोसी का कटाव रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

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कहलगांव के टपुआ गांव के गंगा कटाव से विस्थापित हुए परिवारों का सुधि लेने वाला कोई नहीं है। कटाव पीडि़तों के पुनर्वास के सवाल पर प्रशासन एवं जनप्रतिधि चुप्पी साधे हुए हैं। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को सिर्फ रानीदियारा के कटाव पीडि़तों के पुनर्वास पर ही ध्यान है। रानीदियारा पंचायत के टपुआ गांव में वर्ष 2017 से 2019 तक हुए कटाव में वार्ड नम्बर 11 एवं 12 समाप्त हो चुका है वार्ड नम्बर 14 भी आधा कट चुका है। ग्रामीण सुनील सौरभ ने बताया कि करीब ढाई सौ परिवार कटाव से विस्थापित हो कहलगांव में एसएसवी कॉलेज मैदान से सटे शारदा पाठशाला की जमीन पर एवं टपुआ एकचारी दियारा की बीच बहियार में तथा सुब्बानगर में झोपड़ी बनाकर खानाबदोश के तरह किसी तरह जिंदगी गुजार रहे हैं। शारदा पाठशाला की जमीन प्रशासन द्वारा कभी भी खाली कराया जा सकता है इसके बाद ये लोग कहां जाएंगे। कटाव पीडि़तों में करीब डेढ़ सौ परिवार हरिजन एवं आदिवासी हैं।

प्रशासन के द्वारा टपुआ गांव के कटाव पीडि़तों की सूची पुनर्वास की सूची में शामिल नहीं है।इन कटाव पीडि़त परिवारों को कोई सरकारी लाभ भी नहीं मिल रहा है। कटाव निरोधी संघर्ष समिति द्वारा टपुआ के कटाव पीडि़तों के पुनर्वास हेतु आवाज उठाया जा रहा है। ग्रामीण सुनील सौरभ ने बताया कि रानीदियारा पंचायत का अधिकांश हिस्सा गंगा में विलीन हो चुका है और अन्यत्र जाकर शरण लिए हुए है। सिर्फ टपुआ गांव में ही पंचायत के नाम पर चार वार्ड बचा है। संघर्ष समिति के सुबोध यादव, अटल बिहारी आदि ने टपुआ गांव के कटाव पीडि़तों को पुनर्वास हेतु जमीन उपलब्ध करवाए जाने की मांग जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री से की है।


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