जिले का एक पदाधिकारी ऐसा भी, जिन्होंने अपने गीतों में समेटा प्रदूषण का दर्द... स्वरों से फैला रहे हरियाली के रंग Bhagalpur News
हरियाली बचाओ और प्रदूषण भगाओ की थीम पर ओ दुनिया वाले संभल क्यों नहीं जाते गीत यू ट्यूब पर खूब लोकप्रिय है। सात मिनट की इस गीत को अभी तक हजारों लोग सुन चुके हैं।
भागलपुर [जेएनएन]। पर्यावरण प्रदूषण की चिंता को अपने गीतों के माध्यम से भागलपुर के जिला सांख्यिकी पदाधिकारी शंभू राय ने अभिव्यक्त किया है। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण के दर्द को गीतों में समेट लिया है। यूट्यूब पर इनके गीत लोगों को खूब भा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों को इनके गाए गीतों को सुनाकर पर्यावरण के महत्व को समझाया जा रहा है।
गीतों के माध्यम से हरियाली बचाने की अपील
हरियाली बचाओ और प्रदूषण भगाओ की थीम पर 'ओ दुनिया वाले संभल क्यों नहीं जाते' गीत यू ट्यूब पर खूब लोकप्रिय है। सात मिनट की इस गीत को अभी तक हजारों लोग सुन चुके हैं। गीत में सिल्क सिटी भागलपुर की हरियाली को दर्शाया गया है। गीत के साथ जो दृश्य दिखाए गए हैं वह जगदीशपुर के आसपास फिल्माया गया है। शंभू राय के गाए गीत के मुरीद भागलपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार भी हैं। अब यूपी और झारखंड के पदाधिकारियों ने भी शंभू से गीतों की सीडी मांगी है। इस गीत का इस्तेमाल वहां होने वाले सरकारी कार्यक्रमों में किया जा सकेगा। यूपी के जनसंपर्क विभाग और झारखंड के पलामू के डीपीओ ने भी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पर्यावरण गीत सुनाने के लिए सीडी मांगी है।
गीतों का है पर्यावरण से संबंध
शंभू राय ने कहा कि पृथ्वी पर लगातार तापमान में वृद्धि हो रहा है। समय रहते अगर हमलोग नहीं चेते तो इस पृथ्वी से मानव का अस्तित्व मिट जाएगा। शंभू राय कहते हैं पर्यावरण का संगीत से गहरा नाता है। प्राचीन काल में ऐसे ऐसे संगीतज्ञ हुए जिनके गाने पर बारिश होने लगती थी। गीत मानव मन को प्रभावित करने का सबसे बेहतर माध्यम है। यही कारण है कि मैं गीतों के माध्यम से पर्यावरण बचाने का अभियान चला रहा हूं।