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Bhagalpur coronavirus update : अब भागलपुर में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज

अब कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से होगा। JLNMCH में लंबे इंतजार के बाद ब्लड बैंक को प्लाज्मा एफेरेसिस मशीन मिल गई।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 07:34 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 07:34 PM (IST)
Bhagalpur coronavirus update : अब भागलपुर में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज
Bhagalpur coronavirus update : अब भागलपुर में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज

भागलपुर, जेएनएन। Bhagalpur corona virus update : जिले में लगातार हो रही कोरोना मरीजों के मौत के बीच संक्रमितों के लिए राहत भरी खबर। अब कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से होगा। मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में लंबे इंतजार के बाद ब्लड बैंक को प्लाज्मा एफेरेसिस मशीन (कंपोनेंट सेपरेटर मशीन) मिल गई। मशीन को इंस्टाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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एम्स में मिलेगा प्रशिक्षण, दो का चयन

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार सिन्हा ने बताया कि एफेरेसिस मशीन के आने के बाद पैथोलॉजी विभाग के दो पैथोलॉजिस्ट डॉ. मुकेश कुमार साह और डॉ. धनेश कुमार का चयन किया गया है। बुधवार को पटना एम्स इनके नामों की सूची भेजी जाएगी। एम्स में ही ये दोनों प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना इलाज का गुर सीखेंगे। प्राचार्य ने बताया कि मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय टीमों का खाका बनाकर आइसीएमआर दिल्ली भेजा जाएगा।

अभी तक 60 लोगों ने दान को दी है सहमति

भागलपुर में अभी तक 60 लोगों ने प्लाज्मा दान करने की सहमति दी है। दो सप्ताह में टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज स्थित कोविड सेंटर से स्वस्थ्य होकर निकले मरीजों ने स्वेच्छा से प्लाज्मा डोनेट करने की सहमति जताई है। इन मरीजों ने सहमति देकर कोरोना संक्रमितों के लिए अनूठी मिसाल पेश की है, कोरोना मरीजों के प्रति धीरे-धीरे सोच बदल रही है। सभी का पता और मोबाइल नंबर भी रजिस्टर में दर्ज है।

कैसे होता है थेरेपी : जेएलएनएमसीएच के चिकित्सक ने बताया कि कोरोना से पूरी स्वस्थ्य होकर जा रहे लोगों के ब्लड में एंटीबॉडीज बन जाती हैं, जो कोरोना संक्रमण को मात देने में काफी सहायक होती हैं। स्वस्थ्य मरीज के ब्लड से प्लाज्मा निकालकर संक्रमित व्यक्ति के शरीर में चढ़ाया जाता है। डोनर और संक्रमित का ब्लड ग्रुप एक होना चाहिए। प्लाज्मा चढ़ाने का काम विशेषज्ञों की निगरानी में किया जाता है।


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