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Coronavirus : कोरोना वायरस हुआ सक्रिय तो प्रशासन पड़ा सुस्त, संक्रमित सदस्य के परिवार की नहीं की जाती जांच

Coronavirus जिले में छह सौ से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज हो चुके हैं। अभी भी संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दूसरी तरफ भागलपुर जिला प्रशासन सुस्त पड़ गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 11:47 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 11:47 AM (IST)
Coronavirus : कोरोना वायरस हुआ सक्रिय तो प्रशासन पड़ा सुस्त, संक्रमित सदस्य के परिवार की नहीं की जाती जांच
Coronavirus : कोरोना वायरस हुआ सक्रिय तो प्रशासन पड़ा सुस्त, संक्रमित सदस्य के परिवार की नहीं की जाती जांच

भागलपुर, जेएनएन। जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में पिछले दो सप्ताह से लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अबतक प्रखंडों के अलावा शहरी के लोगों में भी संक्रमण का दौर थम नहीं रहा है। जिले में छह सौ से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज हो चुके हैं। अभी भी संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दूसरी तरफ प्रशासन सुस्त पड़ गया है। स्वास्थ्य विभाग भी लोगों के प्रति अब संवेदनशील नहीं रह गया है, जितना पहले था।

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अप्रैल, मई में अगर जिले के प्रखंडों या शहरी क्षेत्र में एक भी कोरोना संक्रमित मिलता था तो उसके घर के आसपास बैरियर लगा दिया जाता था। उस क्षेत्र से लोगों के आवागमन पर भी रोक लगा दी जाती थी। इसके अलावा जिस घर का सदस्य कोरोना संक्रमित होता था, उसके परिवार के अन्य सदस्यों की भी जांच के प्रति प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सक्रिय रहता था। अब लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। नया बाजार, सिकंदरपुर, भीखनपुर, मुंदीचक, बरारी आदि शहर के कई ऐसे मोहल्ले हैं, जहां कोरोना संक्रमितों के मिलन पर उनके परिवार के सदस्यों की भी जांच की जाती थी। यही नहीं अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों की पहले स्क्रनिंग की जाती थी, अब सबकुछ बंद है। सदर अस्पताल और मायागंज अस्पताल में थर्मल टनल भी लगाया गया, जो एक सप्ताह के अंदर ही खराब हो गया। इसके अलावा शहर में मास्क नहीं लगाने वालों पर सख्ती बरती जाती थी, अब ध्यान केवल हेलमेट नहीं लगाने वालों पर ही केंद्रित रह गया है।

गंभीर मरीज हो रहे भर्ती

अनलॉक डाउन-2 में लोगों के बीच कम्युनिटी ट्रांसमिशन बढ़ गया है। डॉ. ओवेद अली के मुताबिक पहले मरीजों को स्वस्थ होने का आंकड़ा 98 फीसद रहा, लेकिन अब जो मरीज आ रहे हैं वे गंभीर हालत में भर्ती हो रहे हैं। तीन-चार घंटे में ही मौत हो रही है। इनमें सांस तेज होना और बुखार होना शामिल है। अस्पताल में ऐसे पांच मरीजों की मौत हो चुकी है। दूसरी तरफ बाजारों में भीड़ बढ़ गई है। कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। कहीं भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है। 70 फीसद से ज्यादा लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। मोटरसाइकल पर अब तीन लोग सवारी करने लगे हैं। शादी में भी लोगों की तय संख्या का पालन नहीं किया जा रहा है। एक शादी में तो पांच सौ लोग आए। होटल भी बुक किया गया था।

पहले से ज्यादा लोगों की जांच की जा रही है। लोगों को भी इस बीमारी के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। - डॉ. विजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन


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