Caronavirus : टेस्टिंग 'लॉक' कर डाउन कर रहे कोरोना मीटर, जांच के नाम पर लीपापोती
Bhagalpur Corona Update अस्पताल प्रबंधन किसी न किसी तरह कोरेना वायरस से संक्रमित संदिग्ध लोगों की जांच नहीं करना चाहते। इससे आंकड़ा नियंत्रण में रहता है।
भागलपुर, जेएनएएन। जिले में कोरोना जांच के नाम पर लीपापोती हो रही है। कोरोना का आंकड़ा कम करने का खेल भी चल रहा है। सदर अस्पताल से हर दिन दर्जनों लोग बिना जांच कराए लौट रहे हैं। चार से पांच दिनों तक रिपोर्ट का पता नहीं है। जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी या निगेटिव किसी को मालूम नहीं चल रहा है। ऐसे में पॉजिटिव मरीज भी रिपोर्ट की आस लगाए घर से बाहर खुलेआम घूम रहे हैं। जो कोरोना चेन बढ़ाने की बड़ी वजह बन सकती है।
हैरत इस बात की है कि अस्पताल प्रबंधक से लेकर सिविल सर्जन को भी रिपोर्ट कब आएगी इसके बारे में पता नहीं है। कुल मिलाकर भागलपुर में कोरोना के मरीज भगवान भरोसे ही हैं। मरीज जांच कराने पहुंचते हैं तो निबंधन काउंटर का दरवाजा बंद कर दिया जा रहा है।
दरअसल, भागलपुर सदर अस्पताल में हर दिन 70 से 80 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। अभी तक अस्पताल में कइयों का 18 जुलाई की जांच की रिपोर्ट नहीं आई है। ऐसे में यह साफ हो गया है कि यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी सुधरी है। इस समय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के आइसोलेशन वार्ड और टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में 280 मरीज भर्ती हैं।
22 दिनों में आठ सौ मरीज
जुलाई महीने में अबतक आठ सौ के करीब कोरोना के मरीज मिल चुके हैं। कोरोना की चेन ब्रेक करने के लिए शहर में लॉकडाउन है। दावा किया जा रहा है कि इससे कोरोना के मरीजों की संख्या में कमी आई है। लेकिन, हकीकत इससे अलग है। 30 जून तक 510 के आसपास मरीजों की संख्या थी। अभी 1300 के आसपास पहुंच गई है। जबकि हर दिन जांच हो तो संख्या और बढ़ सकती है। दो सप्ताह का रिकॉर्ड देखें तो पता चलता है कि अस्पताल से सैकड़ों मरीजों को वापस किया गया है।
सैकड़ों जांच रिपोर्ट पेंडिंग, किसी के पास जवाब नहीं
कोरोना इन दिनों लगातार तेजी से फैल रहा है, लोगों ने जागरूकता के चलते अपने सैंपल देना शुरू कर दिया। जिन लोगों ने चार से पांच दिन पहले जुलाई को सैपल दिए, उनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। इनमें से कई लोग ऐसे है, जिन्हेंं कोरोना के लक्षण भी सामने आ रहे हैं। वे अपनी रिपोर्ट के लिए अस्पताल में घूम रहे हैं, वहीं अस्पताल प्रशासन से सम्पर्क कर रहे हैं, लेकिन इसका किसी के पास जवाब नहीं है।