भागलपुर : पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा, रवि जालान, राकेश शर्मा के सीलबंद लाकर और आलमारी खुले
भागलपुर आयकर अधिकारियों की दो टीम ने अंदर मौजूद सामानों की सूची बनाने का काम भी किया पूरा। 24 अगस्त 2022 को आयकर की टीम ने किया था सर्वे तब लाकर और आलमारी सीलबंद कर लौटी थी टीम।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। आयकर विभाग की नजर बचा कर लाखों का आयकर टैक्स बचाने, कई संपत्तियों को छिपाने की शिकायत पर 24 अगस्त 2022 को बड़े स्वर्ण व्यवसायी पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के पिता हरिओम वर्मा, सीए रवि जालान, राकेश शर्मा के यहां हुई सर्वे में सील आलमारी और लाकर खोल दिये गए। आयकर अधिकारियों की टीम ने बुधवार को पहले रवि जालान के यहां सीलबंद आलमारी, लाकर खोल उसमें मौजूद सामानों की सूची बनाई। गुरुवार को राकेश शर्मा और पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के यहां सील लाकर और आलमारी में रखे सामानों की सूची बनाने का काम पूरा कर लिया। आयकर सूत्रों के अनुसार पटना और भागलपुर की संयुक्त टीम 24 अगस्त 2022 को सीलबंद किये आलमारी और लाकर को तीनों स्थानों पर स्वजनों की मौजूदगी में सूची बनाने के बाद कागजी कार्रवाई पूरी कर लौट गई।
मालूम हो कि उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने 12 फरवरी 2022 को सीमांचल में अधिक ब्याज पर रकम देने वाले सूदखोरों की गुंडई पर लगाम लगाने के लिए एडीजी कमल किशोर के नेतृत्व में एसआइटी गठित किया था। उस दौरान एडीजी कमल किशोर की अध्यक्षता वाली टीम ने ऐसे सूदखोरों की बाकायदा सूची तैयार कराई थी। ब्याज पर रकम दे जबरन जमीन-मकान लिखाने को लेकर तैयार सूची में जिन नामों की जानकारी दी गई थी। एडीजी ने उन नामों की सूची आयकर विभाग को देते हुए सूची में नामित लोगों की आइटी प्रोफाइल तैयार करने को कहा था।
एडीजी ने कहा था कि आइटी प्रोफाइल बनाने और सर्वे के दौरान कोई आपराधिक जिम्मेदारी सामने आती है तब पुलिस मामले में अलग केस दर्ज कर कार्रवाई करेगी। भागलपुर में डिप्टी मेयर राजेश वर्मा, रवि जालान, राकेश शर्मा समेत एक दर्जन लोगों के यहां हुई आयकर सर्वे में आपराधिक कृत्य सामने नहीं आया। आयकर अधिकारियों ने सर्वे के दौरान उन सामानों की सूची भी तैयार की है जिसे आयकर विभाग से टैक्स ना देना पड़े, उन सामानों की जानकारी छिपा रखी थी। आयकर की टीम उन सामानों, संपत्तियों पर नियम के अनुसार आयकर और पेनाल्टी तय करने की कवायद कर रही है। जिनके यहां सर्वे का कार्य हुआ उनकी तरफ से अधिकांश संपत्तियों से जुड़े बिल और अन्य दस्तावेज भी सौंपे गए हैं।