बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ : तकनीकी शिक्षा की ओर बढ़ा छात्राओं का रुझान, पढ़ाई के लिए ले रहे ऋण
सुपौल में 40 फीसद छात्र और 60 फीसद छात्राएं ऋण लेकर तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सरकार द्वारा युवाओं के लिए संचालित योजना का असर दिख रहा। इससे छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। सात निश्चय में शामिल आर्थिक हल युवाओं के बल कार्यक्रम को मिल रही सफलता।
सुपौल, जेएनएन। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे को समाज ने दिल से स्वीकार किया है। बीते जमाने वाली बेटियों के प्रति सोच बदली है परिवार के सदस्यों के साथ साथ समाज की सोच भी बदली है। परिणाम है कि कोसी के इस इलाके की बेटियों का रुझान भी अब तकनीकी शिक्षा की ओर हुआ है। कल तक दहलीज तक सिमट कर रहने वाली यहां की बेटियां अब मेडिकल, पॉलिटेक्निक, एग्रीकल्चर समेत अन्य तकनीकी शिक्षा से जुड़ रही हैं। लड़की को इस दिशा में आगे बढ़ाने में सरकार द्वारा संचालित योजनाएं भी कारगर साबित हुई हैं। सरकार के सात निश्चय में शामिल आर्थिक हल युवाओं के बल कार्यक्रम को आधार मान यहां जितने छात्रों को शिक्षा मुहैया कराई जा रही है। इसमें तकनीकी शिक्षा से 40 फीसद छात्र और 60 फीसद छात्राएं शामिल हैं। छात्राओं का प्रतिशत बताता है कि लड़कियां तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने में लड़कों से आगे है।
बेटियों के प्रति बदली है धारणा
कुछ दिन पहले तक की बात है कि कोसी के इस इलाके में यहां के लोग बेटियों की शिक्षा के प्रति उदासीन रहते थे। अक्सर लोग यह धारणा पाल रखे थे कि बेटी का दायरा घर की चौखट के अंदर तक ही सीमित है परंतु हाल के दिनों में इस धरना में काफी बदलाव आया है। इधर सरकार भी बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की है। परिणाम है कि यहां की बेटियां अब उच्च शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा में भी आगे बढ़ चली हैं। आज तो यहां की बेटियां कंप्यूटर पर अंगुली फेर रही है। रामनगर की काजल कुमारी फिलहाल डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है जबकि निर्मली की काजल कुमारी पॉलिटेक्निक की पढ़ाई कर रही है। एमबीबीएस कर रही काजल ने बताया कि सरकार द्वारा ऋण दिए जाने से शिक्षा ग्रहण करने में आसानी हो रही है। तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने में पैसा आड़े आता है यह परेशानी इस ऋण से दूर हो जाती है।
आर्थिक हल युवाओं को बल से मिल रही मदद
छात्रों को हुनरमंद बनाने के साथ-साथ पढ़ाई में आर्थिक मदद को ले सरकार के सात निश्चय योजना में शामिल आर्थिक हाल युवाओं को बल कार्यक्रम के माध्यम से छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिल रही है। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक में जिले के 3383 छात्रों को शिक्षा ऋण मुहैया कराई गई है जिसमें लगभग 40 फीसद छात्र तकनीकी शिक्षा से जुड़े हैं शेष उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे हैं। तकनीकी शिक्षा वाले 40 फ़ीसद छात्रों को शिक्षा ऋण दिया गया है और लगभग 60 फीसद छात्राओं को यह ऋण दिया गया है।