प्रेम विवाह का नारा, सरकारी लाभ से किनारा
सबसे अधिक अंतर जातीय विवाह अगड़े के लड़के ही कर रहे हैं।
बांका (सोंटी सोनम)। सियासी ताकतें जातिवाद की जड़ों में कितना भी पानी दे पर बांका में प्रेम विवाह की बढ़ी रफ्तार इसकी जड़ों को उखाड़ने में जुट गई है। साल दर साल इसकी संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है। प्रेम विवाह में अंतर जातीय विवाह का आंकड़ा आधा से अधिक है। हर गांव में हर साल इस तरह का कोई ना कोई मामला सामने आ रहा है। सबसे अधिक अंतर जातीय विवाह अगड़े के लड़के ही कर रहे हैं। इसकी वजह वहां लड़कियों की संख्या कम होनी भी बताई जा रही है। इसके अलावा भी प्रेम बिना जाति और धर्म देखे एक दूसरे को अपनाने के लिए मजबूर करा है। दूसरी तरफ ऐसे प्रेमी जोड़े विवाह के बाद मिलने वाली सरकारी सहायता से पूरी तरह किनारा किए हुए हैं। सरकार ने दो सितंबर 2015 से ऐसे जोड़े के प्रोत्साहन के तौर पर एक लाख रुपया दे रही है। पर इसके बावजूद विवाह बंधन में बंधे प्रेमी जोड़े इस राशि को हासिल करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इस शादी के मूल में सरकारी पैसा लेने का कोई मकसद नहीं है। ना ही शादी के बाद ही इस पर कोई विचार करता है। अंतर जातीय विवाह बंधन में बंधे चंदन ¨सह, लाखो कुमारी, मुकेश यादव, संतोष आदि ने बताया कि उन्होंने सरकारी पैसा लेने के लिए प्रेम विवाह नहीं किया है। इतने बड़े बदलाव को सरकारी योजना के लाभ से जोड़ना भी ठीक नहीं है।
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शादी के साथ ही लखपति बनने की योजना
सरकारी योजना के मुताबिक बिहार सरकार अंतर जातीय विवाह पर जोड़े को शादी के साथ ही अभी लखपति बना रही है। लड़की सामाजिक सुरक्षा कोषांग में ऑनलाइन आवेदन कर एक लाख रुपया लाभ प्राप्त कर सकती है। लड़की को यह शादी के तुरंत बाद उसके खाता पर चली जाएगी। पर शादी का तीन साल पूरा होने पर ही वह इसका उपयोग कर सकती है।
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लाभुकों की संख्या मुंह चिढ़ाने वाली
हर साल प्रेम विवाह की संख्या हजार पार कर रही है। इसमें आठ दर्जन मामला पुलिस के पास भी पहुंचता है। इसमें जाति बंधन तोड़ कर ब्याह रचाने वालों की संख्या भी हर साल चार-पांच सौ पार कर रही है। यानि पिछले तीन साल में कम से कम एक हजार अंतर जातीय विवाह का मामला सामने आ चुका है। इसके बाद केवल जिला भर के 15 लाभुकों को ही बाल सरंक्षण इकाई से एक-एक लाख रुपया मिला है। कार्यालय की जानकारी के अनुसार अब इस योजना का लाभ सामाजिक सुरक्षा कोषांग से मिलना है। उनके पास जितना आवेदन था सभी का निष्पादन कर दिया गया है।