बीपी और हृदय मरीज ठंड में बरते सावधानी
ठंड बढ़ते ही ब्लड प्रेशर (बीपी) के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने लगी है। एक सप्ताह में जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में 10 मरीजों का इलाज किया गया है।
भागलपुर। ठंड बढ़ते ही ब्लड प्रेशर (बीपी) के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने लगी है। एक सप्ताह में जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में 10 मरीजों का इलाज किया गया है। इनमें से छह मरीज नए हैं। चिकित्सकों ने बीपी मरीजों को ठंड से बचने की सलाह दी है।
फिजीशियन डॉ. मनीष के मुताबिक ठंड बढ़ने से दिमाग की रक्त धमनियों में रक्त का थक्का बनने लगता है। इससे रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होता है। इस दौरान ब्रेन हेमरेज की संभावना बढ़ जाती है। मोटापा, ज्यादा तैलीय पदार्थ खाने, नमक का ज्यादा सेवन करने, शारीरिक श्रम नहीं करने, तनाव में रहने आदि से बीपी होने की संभावना बढ़ जाती है। मरीज लकवा के शिकार भी हो जाते हैं।
स्ट्रोक के लक्षण
स्ट्रोक होने के पूर्व चेहरा, हाथ, पैर अचानक सुन्न हो जाता है। बोलने या समझने में परेशानी होने लगती है। एक या दोनों आंखों से देखने में परेशानी होने लगती है, चक्कर आदि आने लगते हैं। बरतें सावधानियां : तैलीय पदार्थ नहीं खाएं, हर दिन पांच ग्राम से कम नमक खाएं, व्यायाम करें, ज्यादा वजन है तो उसे कम करें। बीपी के मरीज क्या करें
ठंड के मौसम में सुबह बाहर नहीं निकलें, गर्म कपड़ा पहने रहें, ज्यादातर धूप में रहें, ठंडा पानी नहीं पीएं, गुनगुने पानी से स्नान करें, चिकित्सक की सलाह पर दवा खाएं। बीच में दवा खाना छोड़ने से ब्रेन हेमरेज होने की संभावना बढ़ जाती है। हृदय भी होता है प्रभावित
हृदय मरीज समय पर और नियमित रूप से दवा खाएं। ठंड में हृदय प्रभावित होने पर छाती में भारीपन लगे तो डॉक्टर से दिखा लें। सुपाच्य भोजने करें, ठंड में पाचनक्रिया भी प्रभावित होती है। इसके अलावा दमा के मरीज को भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सर्दी-खांसी होने से सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इन मरीजों को ठंड से बचने का प्रयास करना चाहिए।