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केले के थम पर होगी सब्जी की खेती

बिहार में केले के थम पर सब्जी की खेती होगी। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के वैज्ञानिकों ने इस पर शोध शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Jun 2018 03:05 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 03:05 PM (IST)
केले के थम पर होगी सब्जी की खेती
केले के थम पर होगी सब्जी की खेती

अमरेन्द्र कुमार तिवारी, भागलपुर।

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अब भागलपुर समेत पूरे बिहार में केले के थम पर सब्जी की खेती होगी। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के वैज्ञानिकों ने इस पर शोध शुरू कर दिया है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो एक वर्ष में नई तकनीक से उत्पादन शुरू हो जाएगा। बीएयू इस तकनीक को केला और बास उत्पादक क्षेत्रों में बढ़ावा देगा। सबसे अधिक लाभ भागलपुर के नवगछिया के अलावा किशनगंज, सहरसा, पूर्णिया एवं कटिहार जिले के किसानों को मिलेगा। इससे लाखों किसानों की तकदीर बदल जाएगी। उनकी आय भी दोगुनी हो जाएगी।

पानी की भी होगी बचत

वैज्ञानिकों ने बताया कि केले के थम पर खेती करने के कई फायदे हैं। थम में पर्याप्त नमी होने के कारण सब्जियों को पटवन की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। उत्पाद भी जैविक और गुणवत्तापूर्ण होंगे। यही नहीं सब्जी उत्पादन के बाद थम के सडऩे से वह स्वत: जैविक खाद बन जाएगा। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी, उसकी संरचना स्वस्थ होगी।

कैसे होगी खेती

उद्यान सब्जी विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि बास के सहारे सीढ़ी नुमा स्ट्रक्चर तैयार कर उस पर केले के थम के सहारे चार लेअर में खेती की जाएगी। पॉली हाउस में और भी बेहतर तरीके से खेती की जा सकती है। उद्यान सब्जी विभाग के वैज्ञानिकों ने बताया कि थम में 80 फीसद तक पानी होता है। इसके अलावा इसमें फाइबर भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। थम पर खेती के लिए 30 सेंटीमीटर की दूरी पर चार-चार इंच के व्यास का ढाई इंच गहरा छेद कर उसमें वर्मी कंपोस्ट, नारियल के छिलके का बुरादा एवं गंगा के बालू को डाल कर फूल गोभी, बंधा गोभी, ब्रोकली, पालक एवं धनिया की खेती की जा सकती है।

विदेशों में होती है खेती

दुनिया के कई विकसित देश इस तकनीक के माध्यम से सफलतापूर्वक खेती कर रहे हैं। इंडोनेशिया में इस तकनीक का जल बचत की दृष्टि से बेहतर उपयोग किया जा रहा है।

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कोट :-

इस तकनीक से किसानों के दिन बहुरेंगे। कम लागत पर जैविक उत्पाद का बेहतर बाजार मूल्य मिलेगा। आमदनी भी दोगुनी होगी। केलाचल में खेती को नया आयाम मिलेगा।

- डॉ. आरके सोहाने, निदेशक प्रसार शिक्षा बीएयू, सबौर। कोट :-

किसानों की आय दोगुनी करना विवि का मकसद है। इस दिशा में वैज्ञानिक नित नए-नए शोध कर रहे हैं। अब केले के थम पर सब्जी की खेती की नई तकनीक ईजाद होगी।

- डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति, बीएयू सबौर

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