बिहार के हर गांव में सुनाई देगी बीएयू मुख्यालय के सामुदायिक रेडियो की गूंज, खेतीबारी की मिलेगी जानकारी
मुख्यालय में चल रहा सामुदायिक रेडियो स्टेशन अब ऐप के माध्यम से भागलपुर सहित पूरे राज्य में इसकी आवाज गूंजेगी। विश्वविद्यालय में ऐप डवलप कर लिया गया है। प्रयोग किया जा रहा है बहुत जल्द इसे व्यापक रूप दिया जाएगा।
भागलपुर [ललन तिवारी] । अन्नदाता के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए अधिकारी और वैज्ञानिकों की टीम उनके घर पर जाएगी और उनसे पूछेगी क्या है खेती-बाड़ी में समस्या। गंभीर समस्याओं के समाधान के लिए अनुसंधान किया जाएगा मुख्यालय में चल रहा सामुदायिक रेडियो स्टेशन अब ऐप के माध्यम से भागलपुर सहित पूरे राज्य में इसकी आवाज गूंजेगी। विश्वविद्यालय में ऐप डवलप कर लिया गया है। प्रयोग किया जा रहा है बहुत जल्द इसे व्यापक रूप दिया जाएगा। उक्त बातें शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर के सुहाने ने कही।
राज्य के धरती पर होगी आर्सेनिक मुक्त फसल
उन्होंने कहा की सरकार के सहयोग से भागलपुर सहित बिहार की धरती पर आर्सेनिक मुक्त फसल लगेगी ।इसके लिए बीएयू ने आर्सेनिक कम करने वाला नया जीवाणु अपने रिसर्च में इजात कर लिया है। बिहार सरकार ने भी किसानों को उपलब्ध कराने के लिए इस पर अनुदान का प्रावधान किया है। खरीफ फसल में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाएगा ताकि गुणवत्तापूर्ण फसल हो सके किसान समृद्ध बने और बिहार स्वस्थ बने।
प्रत्येक माह के एक मंगलवार को मनाया जाएगा प्रक्षेत्र दिवस
बगैर मिट्टी के सब्जी और चारा उत्पादन के लिए हाइड्रोपोनिक विधि का भी विस्तार किया जाएगा। सरकार की सोच के अनुसार महीने के एक मंगलवार को प्रक्षेत्र दिवस मनाया जाएगा । सबौर एग्री इनक्यूबेटर्स परियोजना के तहत कौशल विकास कर युवाओं को 5 से 25 लाख तक अनुदान देकर बड़ा व्यवसायी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा एक टीम वर्क के तहत छात्रों के स्वर्णिम विकास और युवाओं को रोजगार किसानों की समृद्धि पर युद्ध स्तर पर काम किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विश्वविद्यालय के सभी विभाग ने अपने यहां किए जा रहे हैं क्रियाकलाप का संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण दिया।
कैंटीन में अव्यवस्था का आलम, होगी कार्रवाई
विश्वविद्यालय के कैंटीन में अव्यवस्था के कारण प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाहर से आए कई अधिकारी और मीडिया से जुड़े लोगों का कैंटीन के उदासीन रवैया से काफी नाराजगी हुई। कैंटीन मालिक स्वयं नहीं रहता है और उसके कर्मी केयर लेस हैं। उनकी मोनोपोली है। हालात इतने बदतर हैं कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से बगैर समान दिए ही बिलिंग कर भुगतान ले लेते हैं। पहले से भी इनकी कई बार शिकायत छात्रों और कर्मियों से होती रही है ।लेकिन विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों के चहेते होने के कारण इनकी मोनोपोली चलती है, हालांकि नए कुलपति डॉ सुहाने तक जब इनके कारनामे पहुंची तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करने की बात कही।
मौके पर थे उपस्थित
कुलपति के अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनुसंधान निदेशक डॉ आईएस सोलंकी, डीनएजी डॉ आर आर सिंह, योजना निदेशक डॉ अरुण कुमार ,प्रक्षेत्र निदेशक डॉ पी के सिंह, प्रसार शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ आरएन सिंह, केवीके इंचार्ज डॉ विनोद कुमार ,रजिस्ट्रार एमहक, डीएसडब्ल्यू डॉ राजेश कुमार, डीन पीजी ,नियंत्रक, ऑडिटर, मौसम वैज्ञानिक डॉ वीरेंद्र कुमार, प्रशिक्षण के सहायक निदेशक डॉ अभय मानकर, कुलपति के निजी सचिव कमलजी आदि उपस्थित थे।