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युवाओं को भटकने से रोक सकता है बापू का जीवन दर्शन : प्रोवीसी

महात्मा गांधी का जीवन दर्शन अनुकरणीय है। गांधी के विचारों से युवाओं को प्रेरणा लेने का काम किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 01:42 AM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 01:42 AM (IST)
युवाओं को भटकने से रोक सकता है बापू का जीवन दर्शन : प्रोवीसी
युवाओं को भटकने से रोक सकता है बापू का जीवन दर्शन : प्रोवीसी

भागलपुर। महात्मा गांधी का जीवन दर्शन अनुकरणीय है। गांधी के विचारों से युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके माध्यम से युवाओं का भटकाव रोका जा सकता है। उन्होंने अपने महान व्यक्तित्व और कृतित्व से दुनिया को सत्य, अहिसा और शांति का संदेश दिया। गांधी के विचारों को सभी को आत्मसात करने की जरूरत है। यह बातें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार ने कहीं। वे शनिवार को पीजी गांधी विचार विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार को आनलाइन संबोधित कर रहे थे।

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इससे पूर्व, कार्यक्रम का उद्घाटन प्रतिकुलपति ने किया। अध्यक्षता पद्मश्री डा. रामजी सिंह ने किया। वे भी आनलाइन मोड में विभाग में आयोजित कार्यक्रम से जुड़े थे। यह कार्यक्रम आनलाइन और आफ लाइन दोनों मोड में आयोजित किया गया था। इसका विषय 'युवा चुनौतियां और गांधी विषय' रखा गया था।

संबोधन से पूर्व विभाग गांधी जी की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद सर्वधर्म सभा का आयोजन हुआ। अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवेश विभागाध्यक्ष डा. विजय कुमार ने कराया।

सदैव रहेगी गांधी के विचारों की प्रासंगिकता

छपरा विवि के कुलपति प्रो. फारूक अली ने कहा कि गांधी विचार की प्रासंगिकता सदैव रहेगी। डा. विजय ने कहा कि आज दुनिया कई तरह की चुनौतियों से जूझ रही है। युवाओं के गांधी के मार्ग पर चलते हुए अपने अंदर की शक्ति को पहचानने और उसे निखारने की आवश्यकता है। टीएमबीयू के पीआरओ डा. दीपक कुमार दिनकर ने कहा कि गांधी मार्ग से ही समस्त मानव का कल्याण है।

कार्यक्रम को वर्धा के प्रो. मनोज राय, काशी विद्यापीठ के प्रो. सतीश कुमार, जेएनयू के प्रो. आनंद कुमार, प्रो. अनिल कुमार, प्रो. सुधांशू शेखर ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर डा. उमेश प्रसाद नीरज ने किया। रिपोर्टियर की भूमिका में गौतम कुमार थे। इस दौरान डा. रीता झा, डा. अमिता रंजन सिंह, गौतम कुमार, मनोज कुमार दास, डा. शेफाली, डा. शाहिद रजा जमाल, भानु उदयन, रोशन कुमार सिंह, श्वेता सिंह, शिशिर रंजन, सौरभ त्यागी ने भी विचार रखा। इस दौरान काफी संख्या में प्रतिभागी आनलाइन और आफलाइन मोड में जुड़े थे।


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