अब पशुपलाक होंगे खुशहाल, बैंक और गव्य विभाग कुछ इस तरह कर रहा सहयोग
50 से 75 फीसद तक पशुपालकों को अनुदान दिया जा रहा है। 40 फीसद बैंक लोन से गोपालन होगा। बाहर से आए प्रवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिला कार्यालय में आवेदन जमा लिए जा रहे। इस योजना से पशुपालकों को काफी लाभ होगा।
भागलपुर, जेएनएन। जिले के पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है। वे अब बैंकों के सहयोग से छोटे स्तर पर डेयरी उद्योग लगा सकते हैं। आत्मनिर्भर भारत के तहत समग्र गव्य विकास योजना में गाय को आय का साधन बनाया गया है। इसके लिए अभी फॉर्म भरे जा रहे हैं। पशुपालकों के अलावा बाहर से आए प्रवासियों को भी इसमें प्राथमिकता दी जा रही है।
इस योजना के तहत दो और चार गाय पालकर छोटे स्तर पर डेयरी उद्योग शुरू किया जा सकता है। इसमें सामान्य वर्ग को पूरे प्रोजेक्ट की 50 फीसद और आरक्षण श्रेणी में आने वालों को 75 फीसद राशि अनुदान के रूप में दिया जाएगा। डेयरी के लिए 40 फीसद लोन बैंक से मिलेगा। 10 फीसद राशि लाभुक स्वयं लगाएंगे। उद्योग शुरू करने के लिए गव्य विभाग में आवेदन देना होगा। जांच के बाद आवेदन स्वीकृत कर स्थानीय बैंक को भेजा जाएगा। बैंक से आवेदन क्लीयर होने के बाद लाभुकों का चयन किया जाएगा। क्रय समिति के समक्ष लाभुक अपनी पसंद की गाय खरीद करते हैं। क्रय समिति में बैंक, गव्य विभाग, पशु चिकित्सक, बीमा अधिकारी और लाभुक शामिल रहते हैं।
दो गाय के लिए एक लाख 60 हजार का प्रावधान
योजना के तहत एक लाख 60 हजार की कुल राशि से दो गाय या तीन लाख 38 हजार की लागत से चार गाय खरीद कर डेयरी व्यवसाय आरंभ किया जा सकता है। भागलपुर और बांका में तकरीबन दो सौ पशुपालक योजना से इस वर्ष लाभान्वित होंगे।