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सृजन घोटाला : बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ मैनेजर को जेल, जानिए... कैसे लगा आरोप Bhagalpur News

घटना के वक्त आरोपित भागलपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में वरीय प्रबंधक के पद पर तैनात थे। आरोपित मूल रूप से बांका जिले के निवासी हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 09:10 AM (IST)
सृजन घोटाला : बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ मैनेजर को जेल, जानिए... कैसे लगा आरोप Bhagalpur News
सृजन घोटाला : बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ मैनेजर को जेल, जानिए... कैसे लगा आरोप Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। तेरह सौ करोड़ रुपये से अधिक के सृजन घोटाले में सीबीआइ दिल्ली ने पटना के बोरिंग कैनाल रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के अंचल कार्यालय के मुख्य प्रबंधक 56 वर्षीय नवीन कुमार साहा को जांच एजेंसी की विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपित को 19 अगस्त तक के लिए बेउर जेल भेज दिया। मामले में आरोपित के खिलाफ अदालत ने 15 जुलाई को वारंट जारी किया था।

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घटना के वक्त आरोपित भागलपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में वरीय प्रबंधक के पद पर तैनात थे। आरोपित मूल रूप से बांका जिले के निवासी हैं। सीबीआइ ने आरोपित को पटना में गिरफ्तार किया था। इसके पूर्व इसी मामले में सीबीआइ ने तमिलनाडु के शिवगंगा जिला स्थित करायकुडी के इंडियन बैंक के जोनल ऑफिस में मुख्य प्रबंधक 46 वर्षीय देव शंकर मिश्रा को सीबीआइ की विशेष अदालत में दो अगस्त को पेश किया था। तब से वे जेल में हैं। आरोपित मिश्रा पटना के दानापुर के गोला रोड स्थित बैंक कालोनी की गली संख्या-8 के निवासी हैं। उन्हें सीबीआई दिल्ली ने 31 जुलाई को कार्यालय से गिरफ्तार किया था।

मामले में सीबीआइ ने साहा सहित 13 आरोपितों के खिलाफ 16 फरवरी 2018 को आरोपपत्र एजेंसी की विशेष अदालत में दायर किया था।

11 प्राथमिकी में आरोप पत्र दायर

सृजन घोटाले में सीबीआइ अभी तक 11 प्राथमिकी में आरोप पत्र दायर कर चुकी है। अन्य दर्ज प्राथमिकी में अभी भी सीबीआइ जांच कर रही है। जैसे-जैसे मामले में जांच चल रही है सूत्र बताते हैं कि घोटाले की रकम बढ़ती जा रही है।

सृजन घोटाला के वक्त कार्यरत थे रंजन प्रसाद समैयार

वाल्मिकीनगर में नहर में गड़बड़ी को लेकर बर्खास्त रंजन प्रसाद समैयार सृजन घोटाला के वक्त भागलपुर में डूडा के कार्यपालक अभियंता थे। स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्यप्रमंडल, मुजफ्फरपुर के कार्यपालक अभियंता के रूप में पदस्थापित समैयार से सीबीआइ सृजन घोटाला के संबंध में पिछले वर्ष 16 जनवरी को पूछताछ की थी। डूडा (जिला शहरी विकास अभिकरण) के खाते से गायब लगभग 7.41 करोड़ रुपये की जांच कर रही सीबीआइ ने समैयार को भागलपुर बुलाकर पूछताछ की थी। सीबीआइ ने पूछताछ के दौरान तत्कालीन कार्यपालक अभियंता के साथ-साथ बैंक ऑफ बड़ौदा के दो कर्मियों से पूछताछ की थी।

तत्कालीन कार्यपालक अभियंता द्वारा प्राप्त तीन चेक का डिपॉजिट पासबुक में अंकित है, पर बैंक स्टेटमेंट में नहीं है। समैयार के दौर के तीन चेक के मामले जांच चल रही है। रंजन प्रसाद समैयार ने तीन फरवरी 2016 को चेक नंबर 588953 के माध्यम से एक करोड़ 21 लाख आठ हजार 77 रुपये ली थी। उक्त राशि पहले के पासबुक में डिपॉजिट दिखाई गई। जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा के स्टेटमेंट में डिपॉजिट नहीं होने की जानकारी मिल रही है। 20 अप्रैल 2016 को चेक नंबर 588955 के माध्यम से दो करोड़ 32 लाख 57 हजार 806 रुपये समैयार ने प्राप्त किया था। इसकी इंट्री पासबुक में है, पर बैंक ऑफ बड़ौदा के स्टेटमेंट में नहीं है। 25 अप्रैल 2016 को चेक नंबर 009101 के माध्यम से बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाता संख्या 60227104777 से तीन करोड़ 88 लाख 45 हजार 207 रुपये समैयार द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा में ट्रांसफर किया गया था। इसकी इंट्री बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व के पासबुक में है, लेकिन बैंक के स्टेटमेंट में यह राशि अंकित नहीं है।

नहीं हो सका मनी सूट दायर

जिला नजारत शाखा सृजन घोटाले में खाते से 220 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के लिए संबंधित बैंकों से वसूली के लिए बुधवार को सिविल कोर्ट में मनी सूट दायर नहीं कर सका। अब 16 या 17 अगस्त को मनी सूट करने की तैयारी चल रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा से 220 करोड़ की वसूली के लिए मनी सूट दायर होना है। डीएम प्रणव कुमार ने पिछले शुक्रवार को जिला नजारत शाखा के प्रस्ताव पर स्वीकृति दे दी थी। जिला प्रशासन ने मनी सूट के लिए जरूरी 1.10 लाख रुपये की मांग सामान्य प्रशासन विभाग से भी की थी। जिला नजारत पदाधिकारी के टेंडर आदि के कार्य में उलझे रहने के कारण मनी सूट दायर नहीं हुआ।


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