बैंक विलय के विरोध में कर्मियों ने भरी हुंकार, हड़ताल की चेतावनी Bhagalpur News
कर्मचारी यूनियनों ने कहा यह निर्णय केवल पूंजीपतियों व उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। इससे पूर्व विलय के बाद एसबीआइ की स्थिति खराब हुई है।
भागलपुर [जेएनएन]। इलाहाबाद बैंक के साथ इंडियन बैंक को विलय करने का फैसला गलत है। इलाहाबाद हिंदुस्तान का सबसे पुराना बैंक है। 1865 से राष्ट्र की उन्नति में इसकी भूमिका अहम है। सरकार को निर्णय पर फिर से विचार करने की जरूरत है। ये बातें प्रदर्शन के दौरान ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार लाठ ने कही। इस दौरान कई शाखाओं के कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार भेदभाव पूर्ण रवैये का पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा। बैंक कर्मियों ने कहा कि यदि फैसला वापस नहीं लिया गया तो हड़ताल पर जाएंगे। बैंक की ज्यादातर शाखाएं ग्रामीण क्षेत्र में होने से किसानों और कमजोर वर्ग के उत्थान में अहम भूमिका निभा रही है। जिले के दूसरे बैंकों ने भी विलय पर कड़ा एतराज जताया। आइबॉक के जिला सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा और यूएफबीयू के जिला संयोजक अरविंद रामा ने भी विलय के विरोध में सरकार पर हमला किया। प्रदर्शन में अश्विनी कुमार दास, संजय सिंह, हरे संगीता, निशांत, लक्ष्मण, निक्की, चंदन, मुकेश, मजाज हसन, जीएन ठाकुर, प्रमोद सिंह सहित सैकड़ों कर्मचारी और अधिकारी थे।