Move to Jagran APP

किसानों की सेहत के साथ-साथ इनकम को मजबूत कर रहा केला, सुपौल में बढ़ा उत्पादन

सुपौल में किसान केले की खेती कर रहे हैं। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा तो हो ही रहा है। साथ ही उनकी सेहत भी सुधर रही है। किसान काफी खुश हैं और केले की खेती के लिए अन्य को भी सलाह दे रहे हैं।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 09:30 AM (IST)
किसानों की सेहत के साथ-साथ इनकम को मजबूत कर रहा केला, सुपौल में बढ़ा उत्पादन
केले का उत्पादन कर रहे हैं किसान।

संवाद सूत्र, लौकहा बाजार (सुपौल) : आमतौर पर किसान की चर्चा होते ही, जो तस्वीर जेहन में बनती है वो कैसी होती है। ये सभी जानते हैं। कुछ हद तक रियल लाइफ में भी वैसी ही तस्वीर देखने को मिलती है। दिन-रात कठोर परिश्रम के बाद भी किसानों को गरीबी में जिंदगी की गाड़ी दौड़ानी पड़ती है। ना ढंग का भोजन मिल पाता और ना ही तन ढंकने के लिए अच्छा वस्त्र। ऐसे में केले की खेती शरीर के साथ-साथ किसानों की अर्थव्यवस्था को ताकत दे रहा है। सदर प्रखंड की लौकहा और हरदी पश्चिम पंचायत के कुछ किसान इसके उदाहरण हैं।

loksabha election banner

इस पंचायत के झहुरा गांव व हरदी पश्चिम पंचायत के ईटहरी गांव दोनों गांव तिलाबे नदी के तट पर हैं। दोनों गांव में कुछ किसान केले की खेती कर किसानी की परंपरागत परिभाषा को तोड़ने में सफल हुए हैं। अच्छा मुनाफा देख अब तो केले की खेती करनेवाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 20 एकड़ खेतों में केले की खेती हो रही है जिससे किसानों को 30 लाख रुपये के आसपास की प्राप्ति होती है।

झहुरा गांव निवासी किसान धनिकलाल यादव ने इस खेती की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि धान, गेंहू व अन्य फसलों की अपेक्षा इस खेती में पांच गुना अधिक मुनाफा है। एक एकड़ केले की खेती करने में लगभग 40 हजार रुपये खर्च होते हैं जो एक साल में तैयार होकर डेढ़ लाख रुपये तक हो जाता है। 140 रुपये सैकड़ा खेत पर ही बिक्री हो जाती है। केले की खेती करनेवाले किसान राजकृति यादव, दिनेश यादव, राजेश यादव, कौशल यादव, दिलीप यादव, अनिल यादव, रामचंद्र मंडल, विनय मंडल, रमेश मंडल आदि बताते हैं केले की बिक्री खेतों में हो जाती है अगर बाहर लेकर जाएं तो और अधिक मुनाफा होता है।

किसानों ने कहा कि यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है। यह पौष्टिक तत्वों का खजाना होता है। वे लोग इसे अपने खान-पान में नियमित रूप से शामिल किए हुए हैं। इसके साथ ही यह खेती आमदनी का भी अच्छा जरिया है। कृषि विज्ञान केंद्र राघोपुर के कृषि विज्ञानी मनोज कुमार कहते हैं कि केले की कई वेरायटी है जिसकी खेती अन्य फसलों की तुलना में काफी फायदेमंद है। कोसी इलाके की मिट्टी और जलवायु इसके लिए अनुकूल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.