'दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे बिहार के आयांश को बचाना है', जमुई में चला डोर-टू डोर कैंपेन
आयांश को बचाना है पटना के आयांश के लिए बिहारभर में मुहिम की तरह लोगों से मदद की अपील की जा रही है। दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे इस बच्चे के लिए कई हस्तियां अपील और मदद कर चुकी हैं। ऐसे में जमुई में डोर-टू-डोर कैंपेन चलाया गया है।
संवाद सूत्र, जमुई। 'बिहार के आयांश को बचाना है।' दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy) से जूझ रहे पटना के रूपसपुर इलाके में रहने वाले आलोक सिंह और नेहा सिंह के 10 माह के बेटे आयांश सिंह के लिए बिहारभर में कैंपेन चलाया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया के साथ-साथ ग्राउंड पर भी लोगों से लगातार अपील की जा रही है कि वो बच्चे के इलाज के लिए आगे आएं। इसी क्रम में जमुई के खैरा में आयांश के इलाज के लिए डोर-टू-डोर अभियान चलाया गया।
सामाजिक एवं वैचारिक संगठन युवा क्रांति फौज डोर-टू-डोर कैपेनिंग कर लोगों से आयांश की मदद करने की अपील कर रहा है। मंगलवार को युवा क्रांति फौज के सदस्यों ने घर-घर घूमकर लोगों से चंदा इकट्ठा किया। क्रांतिकारी फौज के सुप्रीमो अनुराग सिंह ने कहा कि आयांश अब सिर्फ एक परिवार का बेटा नहीं है, बल्कि पूरे बिहार का का बेटा है। हमसब अगर चाह लेंगे तो आयांश को निश्चित रूप से बचा ले सकते हैं। उसके इलाज के लिए 16 करोड़ जुटाना मुश्किल सा लगता है लेकिन ये नामुमकिन नहीं है। हमसब के सहयोग से आयांश की जिंदगी बच सकती है। इसलिए सभी को आगे आने की जरूरत है। इस मौके पर सूरज कुमार राव, बबलू शर्मा, सचिन कुमार, संजय यादव, अंकु सिंह, विपिन कुमार, शिवम सिंह आदि मौजूद रहे।
16 करोड़ की जरूरत
दैनिक जागरण को जैसे ही आयांश की बीमारी के बारे में पता चला, हमने आयांश के पिता आलोक सिंह से संपर्क किया। तब वे भावुक हो उठे, उन्होंने बताया कि आयांश जब 2 माह का था, तब उन्हें इस बाबत पता चला कि बच्चा दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है। अभी बच्चे के गर्दन का एक हिस्सा काम करना बंद कर चुका है। बच्चे का इलाज बेंगलुरु के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज में चल रहा है, जहां बताया गया है कि इस बीमारी का एक ही इलाज है, जो अमेरिका में है। इसके एक इंजेक्शन से आयांश को बचाया जा सकता है। इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है। लाखों बच्चों में ये बीमारी किसी एक को होती है। इस बीमारी के लक्षण के साथ जन्म लेने वाला बच्चा ज्यादा से ज्यादा 2 साल तक जिंदा रह पाता है। लेकिन अगर उसका इलाज सही से हो जाए, मानें कि इंजेक्शन लग जाए। तो नया जीवन मिल सकता है।
बिहारभर में जारी है अभियान
'आयांश को बचाना है' इसके लिए बिहारभर से कई लोगों के साथ-साथ नेता मंत्री भी आगे आए हैं। बिहार विधानसभा में आयांश के इलाज को लेकर चर्चा की जा चुकी है। जनप्रतिनिधियों में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, राजद प्रवक्ता रितु जायसवाल, बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी समेत कई विधायक आयांश के घर पहुंच चुके हैं। वहीं, प्रसिद्ध गायक सोनू निगम ने भी आयांश के लिए लोगों से मदद की अपील की है।