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TMBU: अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के ट्रैक पर प्रैक्टिस करेंगे एथलीट, इतने करोड़ रुपये होंगे खर्च

ट्रक के लिए शुक्रवार को प्रभारी कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह के निर्देश पर टीएमबीयू अधिकारियों ने टीएनबी कॉलेज के सामने वाली जमीन का निरीक्षण किया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 11:27 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 11:27 PM (IST)
TMBU:  अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के ट्रैक पर प्रैक्टिस करेंगे एथलीट, इतने करोड़ रुपये होंगे खर्च
TMBU: अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के ट्रैक पर प्रैक्टिस करेंगे एथलीट, इतने करोड़ रुपये होंगे खर्च

भागलपुर, जेएनएन। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के एथलीट अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिंथेटिक ट्रैक और स्टेडियम में पै्रक्टिस कर सकेंगे। केंद्र सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय की ओर से खेलो इंडिया के तहत टीएमबीयू में सिंथेटिक ट्रैक और बहुद्देशीय प्रशाल का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए शुक्रवार को प्रभारी कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह के निर्देश पर टीएमबीयू अधिकारियों ने टीएनबी कॉलेज के सामने वाली जमीन का निरीक्षण किया। निर्माण स्थल को चिह्नित कर लिया गया है।

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एथलेटिक्स के सभी खेलों को किया जाएगा शामिल

सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक को आठ लेन का बनाया जाएगा। साथ ही आधुनिक सुविधाओं से लैस दर्शक दीर्घा का भी निर्माण कराया जाएगा। लड़के व लड़कियों के लिए कपड़ा बदलने की जगह और बाथरूम की सुविधा होगी। इसमें हैमर थ्रो, जैवलिन थ्रो, डिसकस थ्रो, शार्टपुट के खेलों के लिए भी जगह होगी। इसके अलावा हाई जंप और लांग जंप, पोल वोल्ट, ट्रिपल जंप दोनों ओर से, स्टीपल चेज ट्रैक विद वाटर जंप, आरसीसी ड्रेन विद सीसी कवर की सुविधाओं भी होंगी।

सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक और बहुद्देशीय प्रशाल के निर्माण 15 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक पर सात करोड़ और बहुद्देशीय प्रशाल पर आठ करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये स्टेडियम इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आइएएएफ) से सत्यापित होंगे। स्थल निरीक्षण के दौरान कुलसचिव कर्नल अरुण कुमार सिंह, टीएमबीयू के डीन साइंस डॉ. अशोक कुमार ठाकुर, डीएसडब्ल्यू डॉ. राम प्रवेश सिंह और टीएमबीयू के पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर मौजूद थे।

टीएमबीयू में स्टेडियम की हालत खस्ता

टीएमबीयू में अभी खेल के नाम पर एक स्टेडियम है। जहां विभिन्न खिलाडिय़ों के प्रैक्टिस के लिए न तो कोई ट्रैक हैऔर न ही उनकी कोचिंग होती है। टीएमबीयू भी खेल गतिविधियों में ज्यादा रुचि नहीं लेती है। इस कारण काफी कम संख्या में टीएमबीयू के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा पाते हैं। स्टेडियम के निर्माण के बाद यहां से बेहतर खिलाड़ी निकलेंगे।


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