बिना शिक्षक के पढ़ाई कर रहे नौवीं-दसवीं के छात्र, कटिहार के इन सरकारी स्कूलों में नहीं हो सकी है शिक्षकों की नियुक्ति
कटिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। कई ऐसे स्कूल हैं जहां पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इसका असर पठन-पाठन पर दिख रहा है। हाई स्कूल के बच्चे बिना शिक्षक के पढ़ाई कर रहे हैं।
संवाद सूत्र, बलरामपुर (कटिहार)। बलरामपुर प्रखंड के विभिन्न उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में बिना शिक्षक ही मैट्रिक स्तर तक की पढ़ाई हो रही है। इन शिक्षक विहीन माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित बच्चे बिना शिक्षक के ही पढ़ाई कर मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत में उच्च विद्यालय की स्थापना तो की गई, लेकिन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति अधिकांश विद्यालयों में नहीं हो पाई है।
छह माध्यमिक विद्यालय शिक्षक विहीन--
बलरामपुर प्रखंड में कुल 13 माध्यमिक विद्यालय है। इनमें 10 मध्य विद्यालयों को कुछ वर्ष पहले ही माध्यमिक विद्यालय में अपग्रेड किया गया है। इन 10 विद्यालयों में उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कल्याण गांव, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय झलझली, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय चिल्हापाड़ा एवं माध्यमिक विद्यालय हजियार पलसा में ही माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। बांकी उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सदियन आदमपुर, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय फतेहपुर, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कमरा, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय धूमटोला गंगापुर, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बालूगंज हिंदी एवं उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मल्लिकपुर में अब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है।
मवि के स्नातक ग्रेड शिक्षकों का किया गया है प्रतिनियोजन-
प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय सदियन आदमपुर, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कमरा एवं उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय धूमटोला गंगापुर में मवि के स्नातक ग्रेड शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया है। इन शिक्षकों के प्रति नियोजन से उनके पदस्थापन वाले विद्यालयों में भी शिक्षकों की कमी हो गई है। वहां वर्ग छह से आठ तक के बच्चे की पढ़ाई बाधित हो रही है। वहीं मात्र एक शिक्षक के प्रतिनियोजन से भी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। विभाग द्वारा अलग-अलग विषयों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति न कर मध्य विद्यालय के स्नातक ग्रेड शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर जैसे तैसे काम निकाला जा रहा है।
बलरामपुर प्रखंड के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक योगेंद्र नाथ पांडेय, विनय कुमार मिश्रा, मेहर इकबाल, राम नारायण दास, नवीन कुमार, प्रदीप भगत, अधिवक्ता संजय कुमार सिंह, दयाल कुमार दास, अब्दुल वदूद आदि ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार द्वारा बच्चों के भविष्य
के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शिक्षक विहीन विद्यालयों में बच्चे
मैट्रिक स्तर की पढ़ाई कैसे कर सकते हैं। सरकार की कमजोर एवं अदूरदर्शिता वाली नीति के कारण माध्यमिक स्तर की शिक्षा व्यवस्था का ह्रास हो रहा है। सरकार माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर निरंकुश बनी हुई है।
क्या कहते हैं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी--
बलरामपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पुष्पदंत सिंह ने इस संबंध में बताया कि विभागीय निर्देश पर कुछ शिक्षक विहीन माध्यमिक विद्यालयों में स्नातक ग्रेड शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया है। शिक्षकों की कमी के कारण माध्यमिक स्तर के बच्चों के पठन-पाठन में बाधा उत्पन्न हो रही है। उम्मीद है अगले कुछ महीनों में नियोजन प्रक्रिया के माध्यम से माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा।