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सुपौल और कटिहार में पशु तस्‍कारों की बल्‍ले बल्‍ले

सुपौल और कटिहार जिले में पशुओं की तस्‍करी बेरोकटोक जारी है। प्रशासन ऐसे तस्‍कारो के खिलाफ कड़ी कर्रवाई नहीं कर रही है। जिससे उसका मनोबल और बढता जा रहा है। परिणम स्‍वरूप उक्‍त दो जिलों में यह धंधा फलफूल रहा है।

By Amrendra TiwariEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 03:05 PM (IST)
सुपौल और कटिहार में पशु तस्‍कारों की बल्‍ले बल्‍ले
पशु तस्‍कारों की प्रशासन नहीं कर रहा नकेल, बढ़ रही है तस्‍करी

सुपौल, जेएनएन। अनुमंडल क्षेत्र में इन दिनों पशु तस्करों की चांदी कट रही है। तस्करों को कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। ता•ाा मामला थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पीकअप 407 मालवाहक वाहन में क्षमता से ज्यादा पशुओं को लोड कर तस्कर ले जाते हैं। बेजुबान पशुओं के साथ तस्करों द्वारा क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया जाता है। जिसकी बानगी बीते देर संध्या बा•ाार होकर गुजरने वाली एनएच 327ई पर देखी गई। जहां पीकअप 407 में क्षमता से अधिक जानवरों को इस कदर ठूंस कर रखा गया था मानो इसके अंदर जान ही नहीं है। बेजुबान जानवरों का पैर लोहे के डाला के बाहर नीचे जमीन की ओर लटका देखा गया। जब लोगों द्वारा वाहन को रोका गया तो तस्कर बेजुबान जानवर के लटके पैर को तौलिए से बांध गाड़ी के बाहर बने नोकीले कील में बांध दिया औऱ चलते बने। जब पशु तस्कर से इस संबंध में पूछा गया तो उनका एक ही जवाब था कि मधेपुरा जिले के ङ्क्षसहेश्वर हाट से 9 मवेशियों को लोड कर अररिया जिले के चनरदय हाट ले जा रहे हैं। पशुओं के साथ हो रहे क्रूरतापूर्ण व्यवहार के संबंध में जब तस्करों से पूछा गया तो वे निरुत्तर हो गए। खैर बात जो भी हो लेकिन बेजुबान मवेशियों के साथ हो रहे क्रूरतापूर्ण व्यवहार को देखने के बाद एक बात स्पष्ट रूप से देखने को मिली कि प्रशासन का खौ$फ इन पशु तस्करों के चेहरे पर नहीं है।

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सेमापुर के रास्ते धड़ल्ले से हो रही पशु तस्करी

 इधर कटिहार जिले के बरारी प्रखंड अंतर्गत सेमापुर के रास्ते पशुओं की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। छोटे बड़े वाहनों में पशुओं को लोड कर बंगाल के रास्ते बंगलादेश भेजा जा रहा है। एसडीपीओ द्वारा कुछ दिन पूर्व की गई कार्रवाई के बाद कुछ दिन इसमें विराम लगा, लेकिन फिर तस्करी जारी है। जानकारी के अनुसार बरारी प्रखंड अंतर्गत सेमापुर बरेटा पंचायत के लाईन पार बरेटा सकरैली मखनाधार मोहनाचांदपुर बांध के पास से पशुओं का लोङ्क्षडग होता है। यह पशु यूपी सहित विभिन्न जिले से यहां आते हैं। इसमें साड़ और दुधारु गायें भैस भी रहती है। ये पशुऐं रात के अंधरे मेंं लोड होती है और सेमापुर बालू घाट होते हुए बंगाल जाती है और वहा से बंगला देश भेजी जाती है।


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