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अमित शाह के बिहार दौरे से मिला यह संकेत, अपना एजेंडा लागू करने के लिए पूर्ण बहुमत की सरकार चाहिए

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के बाद लगातार समीक्षा हो रही है। गठबंधन टूटने के पूर्व ही गृह मंत्री का तय हो गया था कार्यक्रम। घुसपैठ मतांतरण व पशु तस्करी को लेकर भी किया मंथन।

By JagranEdited By: Dilip Kumar shuklaPublished: Sun, 25 Sep 2022 06:15 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 06:15 PM (IST)
अमित शाह के बिहार दौरे से मिला यह संकेत, अपना एजेंडा लागू करने के लिए पूर्ण बहुमत की सरकार चाहिए
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार से अलग होने के बाद कार्यकर्ताओं में किया उर्जा व विश्वास का संचार।

नीरज कुमार, कटिहार। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दो दिवसीय सीमांचल दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में आयोजित रैली में भी अपने भाषण में शाह ने सीमांचल के लोग डरें नहीं.... की बात कह इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह दिया। राजनीति के जानकारों की मानें तो उनका इशारा सीमांचल के जिलों की स्थिति की ओर था। राज्य में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद सरकार से अलग होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में भ उर्जा व विश्वास का संचार करने का काम किया, लेकिन मूल मंथन किशनगंज में अपने दो दिवसीय प्रवास में कोर कमिटी व प्रमंडलीय बैठक में किया गया।

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भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बैठक में घुसपैठ, मतांतरण, पशु तस्करी के साथ ही हिंदु व हिंदुत्व पर भी चर्चा की गई। सीमांचल की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि भाजपा विकास व राष्ट्रीय सुरक्षा के जिन मुद्दों पर काम करना चाहती है, उसके लिए केंद्र व राज्य में पूर्ण बहुमत होना जरूरी है। केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के कारण ही राममंदिर का सपना साकार हुआ है। जबकि यह मुद्दा भाजपा के एजेंडे में शुरू से शामिल रहा है। अटल जी के नेतृत्व में भी सरकार बनी, लेकिन गठबंधन की सरकार होने के कारण कई तरह की विवशता भी थी। कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने का काम भी बहुमत के कारण आए विश्वास व दृढ़ इच्छाशक्ति से ही संभव हो पाया। सीमांचल के जिलों में घुसपैठ की समस्या पर कहा गया कि बिहार में एनडीए सरकार होने के बाद भी चाहकर भी इस दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा सका। पीएफआइ के आतंकी कनेक्शन की बात सामने आने के बाद भी ठोस कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा नहीं की गई। जबकि इस मुद्दे पर कई बार मुख्यमंत्री को कहा भी गया।

शाह के दौरो से भाजपा में उत्साह का नया संचार

ग़ृह मंत्री के दौरे से पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं में नए उत्साह के संचार से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। रैली के पूर्व भाजपा के केंद्रीय व प्रदेश नेताओं के लगातार दौरे से भी संगठन की धार और मजबूत हुई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त स्थानीय बुद्धिजीवियों के साथ भी बैठक की थी। बैठक में शहर के डाक्टर, इंजीनियर, प्राध्यापक व व्यवसायी शामिल हुए थे। इस बैठक में संगठनात्मक मुद्दों पर बात कम सीमांचल की स्थिति पर विशेष रूप से चर्चा की गई थी। भाजपा के वरीय नेताओं ने समाज के स्थानीय कुछ गणमान्य लोगों के साथ बंद कमने में भी बात की थी। इनमें से किसी का भी किसी भी राजनीतिकि दल से कोई संबंध नहीं रहा है। पार्टी के संगठन को और धारदार बनाने तथा जदूय व राजद के खिलाफ राजनीतिक मोर्चाबंदी सहित समाज में सर्वस्पर्शी कार्य येाजना भी गृह मंत्री के दौरे के मुख्य उद्देश्य रहा। प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष जदयू, राजद व कांग्रेस के चार दर्जन से अधिक नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण की।


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