अमित शाह ने माता गुजरी को किया याद, स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव में किशनगंज में इस तरह किया याद
Amit Shahs visit to Bihar केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बिहार दौरा काफी ऐतिहासिक रहा। उन्होंने कहा कि सीमांचल स्थित उनके नाम का विश्वविद्यालय माता गुजरी को अमर कर रहा। इस दौरान वह किशनगंज के इस विवि में काफी देर तक रहे।
जागरण संवाददाता, किशनगंज। Amit Shah's visit to Bihar : सीमांचल दौरा पर किशनगंज पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह अपने कार्यक्रम का अंतिम समय माता गुजरी विश्वविद्यालय में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिए। आजादी के अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने मौजूद लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने माता गुजरी के जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि सीमांचल में आज माता गुजरी को उनके नाम का विश्वविद्यालय अमर कर रहा है। यह क्षेत्र के लोगों के लिए गर्व की बात है।
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश के 75 साल पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। यह महोत्सव एक ऐसा पल है जो इतिहास में दोबारा नहीं आएगा। हम सभी देशवासी सौभाग्यशाली हैं कि उस वर्ष में हैं जिसे आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में जाना जाता है। कहा कि 1857-1947 तक के स्वतंत्रता संग्राम के बाद जब देश आजाद हुआ तो लोगों के मन में कई अपेक्षाएं थी। कई ने बलिदान देकर देश को आजादी दिलाया। कई बलिदानी से देश आजाद हुआ 75 साल की गौरव यात्रा पूरा किया है। इस दौरान देश के विकास की गति जिसके हाथ में शासन रहा उस हिसाब से हुआ। वर्ष 2014 में अर्थतंत्र की तालिका में देश 11वें स्थान पर था आज 75 साल में पांचवें स्थान पर है। केबिनेट में जब प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव रखा और आजादी के अमृत महोत्सव मनाने के लिए तीन लक्ष्य निर्धारित किए। कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान दिए लोगों को आज के युवा नहीं जान रहे हैं। कई कुर्बानियां दी गई देश को आजाद दिलाने में। इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव युवाओं के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में समझाने का लक्ष्य है।
दूसरा 75 साल में हमने जो किया उसका गौरवगान करें इसके लिए जिन-जिन ने योगदान दिया उन सभी को याद करें। जब भारत आजाद हुआ तो सुई नहीं बनता आज मंगलयान भेजने वाला भारत बन गया है। 75 साल में लोकतंत्र और मजबूत हुई है। पूरी दुनिया में भारत का लोकतंत्र मिसाल कायम किया है। वहीं 75 साल से 100 साल पर जब देश की शताब्दी मनाई जाएगी उस काल में देश कहां होगा उसका लक्ष्य तय करना है। सभी युवाओं को अपने में एक संकल्प लेना है चाहे जो भी संकल्प हो। इससे देश के सभी लोगों को अपने जीवन में एक संकल्प लेना है जिससे 130 करोड़ कदम एक साथ आगे बढ़ेगी। नागरिकों को एक-एक संकल्प लेने की जरूरत है। ताकि शताब्दी महोत्सव के दौरान भारत पर सभी को गर्व महसूस होगा।