Kajal and Rohit love story: भागलपुर के प्रेमी युगल ने पेश की मिशाल, CM नीतीश तक पहुंची बात, होंगे सम्मानित
Kajal and Rohit love story भागलपुर के रोहित और बांका की काजल की प्रेम कहानी इन दिनों काफी चर्चा में है। हालांकि दोनों ने शादी कर ली है। काजल शुरू से ही दहेज प्रथा का विरोध करती थी। रोहित का काजल को साथ मिला। दोनों वैवाहिक जीवन में बंध गए।
संवाद सूत्र, सुल्तानगंज (भागलपुर)। Kajal and Rohit love story: भागलपुर जिले के सुल्तानगंज प्रखंड क्षेत्र के कुमारपुर निवासी निजी स्कूल के शिक्षक रोहित कुमार ने दहेज विरोधी शादी करके मिसाल पेश की है। रोहित ने बांका जिले के शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र की वीरनौधा गांव के संजय मंडल की पुत्री काजल कुमारी से बिना दहेज शादी रचा कर मिशाल पेश की। स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से इस शादी की सूचना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक भी पहुंची है। शंभूगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रभात रंजन ने कहा कि सरकार के द्वारा चलाए जा रहे दहेज प्रथा उन्मूलन अभियान का जबरदस्त असर गांव और समाज में देखने को मिल रहा है। नव दंपती को सम्मानित करवाया जाएगा।
मिली जानकारी के मुताबिक शंभूगंज की निवासी काजल कुमारी ने जैसे ही अपने इंटर की परीक्षा पास की वैसे ही घरों में शहनाई बजाने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई लेकिन काजल को अभी शादी नहीं करनी थी। इसके उलट परिजन शादी और दहेज की चिंता में डूब गए। शुरू से ही काजल ने अपने घर में दहेज का विरोध किया। शादी की चर्चा जैसे ही निकलती तो दहेज के नाम सुनकर ही काजल भड़क जाती थी। काजल को अपने लिए वैसे जीवनसाथी की तलाश थी जो बिना दहेज के शादी रचाए और समाज में फैले दहेज जैसी कुप्रथा का विरोध करता हो। इसी बीच काजल और रोहित के बीच प्रेम प्रसंग परवान चढ़ता गया। रोहित और उसके पिता गिरानंद सिंह भी दहेज के खिलाफ है। बढ़ते प्रेम प्रसंग के बीच दोनों की विचारधारा भी मिलने लगी। जिससे दोनों ने इस रिश्ते को शादी में बदल लेना बेहतर समझा।
दोनों ने बिना बैंड बाजा और बारात के सादे समारोह में शादी रचा ली और परिणय सूत्र में बंध गए। पूरे प्रखंड क्षेत्र में ये शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। शादी के बाद नवविवाहित जोड़े ने फेसबुक सहित अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी बातें साझा की और कहा कि दोनों को ही बिना दहेज शादी करने की इच्छा थी जो अब पूरी हो गई है। दूल्हा रोहित कुमार ने बताया कि विवाह में खुशियों को लेकर इस तरह का कदम उठाया गया है। परिवार की इच्छा थी कि दहेज लिए बिना ही शादी करना है। इसलिए परिवारिक लोगों ने भी इस निर्णय का सहर्ष स्वागत किया है। शादी के बाद नवविवाहित जोड़ी अपने घर पहुंची जहां विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर हरियाली का संदेश देने के लिए रोहित ने अपनी अर्धांगिनी काजल के साथ वृक्ष लगाकर पर्यावरण रक्षा का भी संदेश दिया।
यह शादी ऐसी रही कि जिसके सामने बड़े-बड़े शादी समारोह और आयोजन फीके पड़ जाए। संभवत: सुल्तानगंज प्रखंड क्षेत्र में यह पहली इको फ्रेंडली शादी रही जिसने सभी को संदेश दिया कि दहेज की कुप्रथा को खत्म करना बहुत जरूरी है। साथ ही बिना साज बाज और बाजा बाराती के खर्चीली शादी से भी बचने का संदेश दिया गया।
शंभूगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रभात रंजन ने नवविवाहित दंपत्ति को बधाई और अशेष शुभकामनाएं देते हैं। ऐसी शादी से समाज के लोगों को सीख लेने की आवश्यकता है। बिना दहेज व बिना ढोल बाजा और बारात की शादी करने वाले दंपति को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का भी लाभ दिया जाएगा।