सेहत से खिलवाड़ : चिकित्सक आयुष के, दवा लिख रहे एलोपैथ Bhagalpur News
37 आयुष चिकित्सक हैं पदस्थापित जिले के रेफरल अस्पताल और पीएचसी में 37 आयुष चिकित्सक पदस्थापित हैं। इसमें आयुर्वेदिक युनानी और होम्योपैथी चिकित्सक शामिल हैं।
भागलपुर [अशोक अनंत]। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित आयुष चिकित्सकों से नियम के विरुद्ध कार्य लिया जा रहा है। इन चिकित्सकों से ऐलोपैथ की दवा लिखवाई जा रही है। जिसका कई सरकारी एवं गैर सरकार संस्थाओं ने विरोध किया है। अनहोनी के भय से आयुष चिकित्सकों को भी ऐलोपैथ दवाएं लिखने में हाथ-पैर फूल जाते हैं। इन चिकित्सकों को इमरजेंसी रात्रि ड्यूटी भी दी जाती है। जबकि रात्रि ड्यूटी देने की सहमति स्वास्थ्य विभाग ने भी नहीं दी है।
37 आयुष चिकित्सक हैं पदस्थापित जिले के रेफरल अस्पताल और पीएचसी में 37 आयुष चिकित्सक पदस्थापित हैं। इसमें आयुर्वेदिक, युनानी और होम्योपैथी चिकित्सक शामिल हैं। पीरपैंती रेफरल अस्पताल में दो, कहलगांव पीएचसी में छह, सबौर में एक, सन्हौला में तीन, गोराडीह में दो, नारायणपुर में दो, नाथनगर रेफरल अस्पताल में दो, शाहकुंड पीएचसी में चार, सुलतानगंज रेफरल अस्पताल में तीन, खरीक पीएचसी में चार और नवगछिया पीएचसी में दो चिकित्सक पदस्थापित हैं।
इन संगठनों ने एलोपैथ लिखने की नहीं दी अनुमति
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ), सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडिया मेडिसीन (सीसीआइएम), सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी (सीसीएच) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने आयुष चिकित्सकों को एलोपैथ दवा लिखने की अनुमति नहीं दी है। स्वास्थ्य सचिव ने 27 अक्टूबर 2010 में सिविल सर्जन को दिए पत्र में आयुष चिकित्सकों की नियुक्त की बात की है। लेकिन केवल आउटडोर मरीजों के इलाज भर के लिए। आयुष चिकित्सकों को एलाकेपैथ दवा लिखने का जिक्र नहीं है। साथ ही उनसे रात्रि ड्यूटी लेने का भी जिक्र नहीं है। इसके उलट चिकित्सकों सेरात्रि डयूटी भी दी जाती है।
आयुक्त को पत्र देकर रात्रि ड्यूटी से मुक्त करने की मांग की
जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित आयुष चिकित्सकों ने आठ अगस्त 2018 को प्रमंडलीय आयुक्त को पत्र देकर रात्रि ड्यूटी से मुक्त करने की अपील की थी। आयुष चिकित्सकों ने कहा कि रात्रि ड्यूटी में गंभीर मरीज के आने पर उन्हें रेफर करने के सिवाय और कोई चारा नहीं है। क्योंकि आयुष चिकित्सकों को इमरजेंसी सेवा करने बाबत प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है।
सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह ने कहा कि चिकित्सकों की कमी की वजह से आयुष चिकित्सकों को आउटडोर मरीजों के इलाज के लिए पीएचसी में रखा गया है।
आइएमए अध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने कहा कि आयुष चिकित्सक एलोपैथ दवा नहीं लिख सकते हैं। अगर स्वास्थ्य केंद्रों में लिखते हैं तो मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति खिलवाड़ है। आइएमए इसका पहले ही विरोध कर चुका है।