बाघमारा के दबंग सफेदपोश से भी एके-47 की हुई डील
एके-47 की डील धनबाद के एक सफेदपोश से भी होने की बात कही जा रही है।
भागलपुर (कौशल किशोर मिश्र)। सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो (सीओडी) जबलपुर से चुराए गए एके-47 की मुंगेर लाई गई खेप से दो दर्जन एके-47 की डील धनबाद के एक सफेदपोश से भी होने की बात कही जा रही है। जांच कर रही टीम इसकी तह से जांच कर रही है। धनबाद के बाघमारा इलाके से ताल्लुक रखने वाले दबंग सफेदपोश की कोयले के काले कारोबार से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जुड़ाव रहा है। वर्षो से धनबाद के कोयला नगरी पर वर्चस्व कायम रखने वाले एक माफिया साम्राज्य को हाल के वर्षो में खुली चुनौती एके-47 के बूते ही दी। तेजी से कोयले के काले कारोबार पर अपना सिक्का जमाने में भी सफल रहा है। उसने बाकायदा अपनी एक निजी सेना बना रखी है जिसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर कोयला नगरी में काम करने वाली ठेका कंपनियों को दहशतजदा कर अकूत संपदा बना रहा है। अपनी निजी सेना के दम पर ठेका कंपनियों के बड़े-बड़े अधिकारियों पर डर का साम्राज्य खड़ा कर रखा है। मुख्यालय सूत्रों के अनुसार पकड़े गए हथियार तस्करों की पूछताछ में जो खुलासा हुआ है उससे जांच में जुटी पुलिस टीम के कान खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि जबलपुर से लाए गए एके-47 की इस डील में धनबाद के एक ट्रांसपोर्टर की भूमिका भी सामने आ रही है जिसके तार मुंगेर से जुड़े हैं। उसी के जरिए दबंग सफेदपोश और मुंगेर के हथियार तस्कर से डील कराए जाने की बात कही जा रही है। 2014 में होने वाली इस डील को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने भी कोयला नगरी में सक्रिय माफियाओं की गतिविधियों को खंगालना शुरू कर दिया है।
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धनबाद से तस्करों का पुराना नाता
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मुंगेर के हथियार और गांजा तस्करों का धनबाद के बाघमारा, तेतुलमारी और लोयाबाद में सक्रिय जरायम पेशेवरों से गहरे संबंध की बात समय-समय पर सामने आती रही है। सफिया सराय, बरदह और खोजा बाजार इलाके के हथियार और गांजा तस्करों की सक्रियता मुंगेर, भागलपुर और धनबाद में बनी रहने की बात पुलिसिया छापेमारी में समय-समय पर सामने आती रही है।