धुरी यादव हत्याकांड : कुख्यात अजय मिश्रा गिरफ्तार, अन्य कई मामले हैं आरोपी Bhagalpur News
बदमाशों ने 4 नवंबर 2019 की शाम करीब छह बजे धुरी यादव को गोली मारी। जिस समय उन्हें गोली मारी गई कई लोगों वहां मौजूद थे। धुरी यादव की हत्या का कारण पुरानी रंजिश और जमीन विवाद है।
भागलपुर, जेएनएन। चिरंजीवी उर्फ धुरी यादव की हत्या मामले में पुलिस ने कुख्यात अजय मिश्रा को झारखंड के जमशेदपुर जिले के कदमा, मरीन ड्राइव इलाके से गिरफ्तार कर लिया। अजय पर नाथनगर समेत अन्य थानों में 20 से ज्यादा हत्या, रंगदारी समेत अन्य गंभीर मामले दर्ज हैं। यह जानकारी बुधवार को एसएसपी आशीष भारती ने अपने कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान दी।
भाई की हत्या का लिया बदला
कुख्यात से एसएसपी, सिटी एसपी और सिटी डीएसपी ने लंबी पूछताछ की है। उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। उसने पुलिस को बताया कि धुरी यादव व उसके सहयोगियों ने 1998 में उसके भाई गुडुल मिश्रा की हत्या कर दी थी। इसका बदला लेने के लिए ही उसने धुरी को मारने का एलान किया था। उसने उर्दू बाजार में धुरी के दुश्मनों से हाथ मिलाया। चार नवंबर को उर्दू बाजार में धुरी की हत्या करा दी।
शूटर उपलब्ध कराने वाला बदमाश पुलिस हिरासत में
अजय मिश्रा ने पुलिस को भाड़े के शूटरों के बारे में जानकारी दी है। उसने बताया है कि उसने ही हत्या के बाद शूटरों को रुपये दिए थे। नाथनगर के एक बदमाश ने ही शूटर उपलब्ध कराए थे। पुलिस ने शूटर उपलब्ध कराने वाले बदमाश को भी दबोच लिया है। उससे पुलिस पूछताछ कर रही है। ताकि शूटरों को भी पकड़ा जा सके।
एसआइटी होगी पुरस्कृत
धुरी की हत्या के बाद एसएसपी आशीष भारती ने सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज के नेतृत्व में टीम का गठन किया। इसमें सिटी डीएसपी राजवंश सिंह, तातारपुर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार, जीरोमाइल थानेदार राजरतन, सबौर थानेदार अजय कुमार अजनबी, जगदीशपुर थानेदार संजय सत्यार्थी, बरारी इंचार्ज नवनीश कुमार शामिल थे। एसएसपी ने कहा है कि एसआइटी को अजय मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर पुरस्कृत किया जाएगा।
सन्हौला और पीरपैंती थानेदार को भेजा गया था जमशेदपुर
अजय मिश्रा की गिरफ्तारी की रणनीति काफी गुमचुप तरीके से बनाई गई थी। इस बार किसी भी शहरी थानेदार को अजय मिश्रा की गिरफ्तारी के लिए नहीं भेजा गया। उसे पकडऩे के लिए एसएसपी ने पीरपैंती थानेदार राकेश कुमार और सन्हौला थानेदार ब्रजेश कुमार समेत जिला अनुसंधान इकाई (डीआइयू) के कर्मियों को भेजा गया था। झारखंड पुलिस से भी सहयोग सहयोग लिया। गिरफ्तारी के बाद उसे इशाकचक थाने लाया गया।