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उड़ाने वाले 'उड़' गए पर नहीं उड़ा हवाई जहाज

भागलपुर हवाई अड्डे से पीएम सीएम सहित केंद्रीय मंत्री और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उड़ान भरते हैं। इस बार भी प्रचार अभियान के दौरान हवाई अड्डे पर उडऩखटोला उतरेगा।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 10:46 AM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 10:46 AM (IST)
उड़ाने वाले 'उड़' गए पर नहीं उड़ा हवाई जहाज
उड़ाने वाले 'उड़' गए पर नहीं उड़ा हवाई जहाज

भागलपुर [राम प्रकाश गुप्ता]। भागलपुर से हवाई सेवा प्रारंभ करने का सपना अब भी अधूरा है। पिछले डेढ़ दशक से हवाई सेवा प्रारंभ करने की कवायद चल रही है। इस अवधि में यहां के कई नेताओं ने ‘उड़ान’ भरी। लेकिन नियमित हवाई जहाज नहीं उड़ सका। पर, इसके लिए प्रयासरत अश्विनी चौबे और शहनवाज हुसैन पूरे सीन से उड़ गए। प्रशासनिक स्तर पर नियमित उड़ान सेवा प्रारंभ करने की पहल भी हुई।

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जिला प्रशासन ने लैंडिंग चार्ज 75 हजार से घटाकर करीब सात हजार कर दिया। स्मार्ट सिटी ने टर्मिनल निर्माण को अपनी योजना में शामिल भी कर लिया। इसके बावजूद नियमित और व्यवसायिक हवाई सेवा प्रारंभ नहीं हो पाई। इस बार के लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा भी 'हवाई' हो गया है। जबकि पूर्व के सांसदों ने हवाई सेवा प्रारंभ करने का भरोसा दिया था। भागलपुर हवाई अड्डे से पीएम, सीएम सहित केंद्रीय मंत्री और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उड़ान भरते हैं। इस बार भी प्रचार अभियान के दौरान हवाई अड्डे पर उडऩखटोला उतरेगा। लेकिन यह आम आदमी के लिए नहीं होगा। कहते हैं कि नेताओं की राजनीतिक लड़ाई में भागलपुर का रन-वे मोटरसाइकिल रेस बनकर रह गया है।

कैबिनेट ने रोका टर्मिनल निर्माण का प्रस्ताव

स्मार्ट सिटी योजना से हवाई अड्डे पर टर्मिनल निर्माण का प्रस्ताव भवन निर्माण निगम ने कैबिनेट में भेजा था। करीब दस करोड़ की यह योजना थी। कहा गया कि टर्मिनल निर्माण की राशि स्मार्ट सिटी फंड से दी जाएगी। हवाई अड्डे की जमीन पर काम करने के लिए नागर विमानन निदेशालय की स्वीकृति जरूरी थी। कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने इस आधार पर टर्मिनल निर्माण के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया कि अभी वहां से उड़ान सेवा प्रारंभ करने की कोई योजना नहीं है, इसलिए अभी राशि निवेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

दो वर्ष पूर्व बना था नया लाउंज

हवाई अड्डे में दो वर्ष पूर्व भवन निर्माण निगम ने नया लाउंज बनाया है। अब इस लाउंज में एसी और फर्नीचर लगाने के लिए नागर विमानन निदेशालय ने राशि स्वीकृत की है। इसके अलावा सुरक्षा के लिए चारदीवारी निर्माण का काम हुआ है। सरकारी और निजी विमानों के लिए रन-वे को भी मजबूत किया गया है। इसमें डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च भी हुए हैं।

शाहनवाज ने कराया था सर्वे

भागलपुर लोकसभा उप चुनाव जीतने के बाद 2007 में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने अपने प्रयास से कोलकाता से एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया की टीम को हवाई अड्डे के सर्वे के लिए बुलाया था। टीम ने सर्वे किया था। हवाई सेवा की संभावना बन गई थी। हवाई अड्डे के दक्षिण और पूरब दिशा में तीन मंजिला से अधिक निर्माण करने की अनुमति नहीं दी गई थी। यह इसलिए कि हवाई जहाज के लैंडिंग में अड़चन नहीं आए। सर्वे में यह अफवाह उड़ी थी कि कुछ मकानों की ऊंचाई को तोड़ा जाएगा। इस पर विवाद हुआ था। एक नेता के विवादित बयान से उड़ान सेवा का प्रोजेक्ट 'मृत' हो गया। इसके बाद कई नेता आए और लोक लुभावन वादे करते गए। लेकिन धरातल पर योजना उतर नहीं सकी।

रमण कर्ण (प्रधान सलाहकार, नागरिक विकास समिति) ने कहा कि हवाई सेवा प्रारंभ करने की दिशा में कई बार डीएम, आयुक्त को ज्ञापन दिया गया। संगठन की ओर से लगातार प्रयास किए गए। भागलपुर से हवाई सेवा प्रारंभ होना आवश्यक है।

गिरधारी केजरीवाल (अध्यक्ष टेक्सटाइल चेम्बर ऑफ कामर्स) ने कहा कि हवाई सेवा प्रारंभ होने से व्यवसाय को गति मिलेगी। सिल्क सहित अन्य व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इलाज के लिए मुंबई और दिल्ली जाने वाले लोगों को राहत मिलेगी।

मुख्य बातें

-लैंडिंग चार्ज हो गया 7075 रुपये

-पुलिस पदाधिकारी एवं सशस्त्र बल पर खर्च-1000 रुपये

-एंबुलेंस पर खर्च - 75 रुपये

-दंडाधिकारी पर व्यय- 1000 रुपये

-अग्निशमन यूनिट पर खर्च-1000 रुपये

-नगर निगम की सफाई पर व्यय-4000 रुपये

डीएम की पहल पर हेल्थ एंबुलेंस

लैंडिंग चार्ज घटाने के बाद भागलपुर में कुछ महीनों तक कोलकाता के एक निजी अस्पताल से डॉक्टरों की टीम एयर एंबुलेंस लेकर आती थी। हर सप्ताह एक छोटा विमान उतरता था। माहौल भी बना था। तत्कालीन डीएम ने आईएमए के साथ बैठक कर हवाई जहाज उतरवाने का अनुरोध किया था। अब यह भी आना बंद हो गया।

दिल्ली की कंपनी ने दिखाई थी रूचि

हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण करने के बाद विमान सेवा प्रारंभ करने की योजना में दिल्ली की एक कंपनी ने दिलचस्पी दिखाई थी। इस कंपनी को आगे की योजना में सकारात्मक सहयोग नहीं मिला। मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है।


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