Move to Jagran APP

मक्के का कोरोना है अमेरिकन कीट

खेत में लगी मक्के की फसल ने इस बार किसानों को हक्का-बक्का कर दिया है। अमेरिकन कीट फसलों को बर्बाद कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 02:02 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 02:02 AM (IST)
मक्के का कोरोना है अमेरिकन कीट
मक्के का कोरोना है अमेरिकन कीट

भागलपुर [नवनीत मिश्र]। खेत में लगी मक्के की फसल ने इस बार किसानों को हक्का-बक्का कर दिया है। अमेरिकन कीटों के प्रकोप के कारण फसल बर्बाद हो रही है। इसपर आम कीटनाशक दवाओं का भी कोई असर नहीं हो रहा है। पौधा संरक्षण विभाग ने इस कीट को मक्के की फसल के लिए कोरोना बताया है। :- गरमा व खरीफ मक्का है खेत में : जिला कृषि पदाधिकारी केके झा के अनुसार जिले में 62,995 हेक्टेयर में मक्के की फसल लगाई गई है। 18,995 हेक्टेयर में गरमा और 44,000 हेक्टेयर में खरीफ मक्का की खेती की गई है। किसानों ने लॉकडाउन के दौरान ऊंची कीमत पर बीज और खाद लेकर इसकी खेती की थी। अमेरिकन फॉल आर्मी वर्म अब किसानों के लिए सिरदर्द हो गया है। :- पौधों के विकास को करता है बाधित : यह कीट मक्के के ऊपरी हिस्से व भुट्टा को खा जाता है। इसके बाद पौधे के विकास को बाधित कर देता है। कीट की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए पौधा संरक्षण विभाग ने इस कीट को मक्का की खेती के लिए कोरोना बताया है। इस कीट का लार्वा व पिल्लू काफी आक्रामक है। यह 25 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक तापमान पर सक्रिय हो जाता है। :- कृषि यंत्र के लिए मिलेगा अनुदान : कीट नियंत्रण के लिए पौधा संरक्षण विभाग कृषि यंत्र की खरीद के लिए अनुदान उपलब्ध करा रहा है। कीट को पहले जैविक तरीके से नियंत्रित करने के लिए फोरमैन ट्रैप नामक जैविक कृषि यंत्र की खरीद पर अनुदान की व्यवस्था है। :- कर्ज लेकर कइयों ने की खेती : बोआई के बाद ही मक्के के पौधे पर फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप शुरू हो गया है। जिले में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष एक हजार हेक्टेयर अधिक खेत में मक्के की बोआई हुई। कीट के प्रकोप के कारण किसान चिंतित हैं। कुछ किसानों ने धान बेचकर तो कुछ ने कर्ज लेकर मक्के की खेती की थी। कहलगांव के लदमा निवासी किसान पिंटू चौधरी, योगेश गोस्वामी एवं पूरण पासवान ने एक-एक एकड़ में मक्के की खेती है। इन्होंने बताया कि इस कीट पर आम कीटनाशक दवा का भी असर नहीं होता है। कीट पहले पत्तियों में छेद करते हैं और इसके बाद डंठल में प्रवेश कर पौधे को नष्ट कर देते हैं। :- दवा का करें छिड़काव : इसके नियंत्रण के लिए कीटनाशी एजोडिराक्टिन 1500 पीपीएम, स्पिनेटोरम 11.7 फीसद एससी, क्लारेट्रेंनिलिप्रोल 18.5 एससी, थियामेथॉक्साम 12.6 फीसद एवं लैम्डा साइहलोथरिन 9.5 फीसद जेडसी का छिड़काव या थियोडीकार्ब 75 फीसद डब्ल्यूपी का छिड़काव किसान को करना चाहिए।

loksabha election banner

--------

फॉल आर्मी कीट के प्रकोप की शिकायत कहलगांव के किसानों से मिली थी। किसानों को इससे बचाव की दवा अनुशंसित कर उपयोग के आवश्यक सुझाव दिए जा रहे हैं।

- रवींद्र कुमार

सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण विभाग, भागलपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.