जमुई की बिटिया के बाद इस बेटे को आपकी मदद की दरकार, एक पैर पर उछल-उछल कर स्कूल जाते हैं अमित
जमुई की बिटिया सीमा की तरह ही अमित का दर्द है। अमित एक पैर से दिव्यांग है। वह उछल-उछल कर स्कूल जाता है। उसे न तो ट्राइसाइकिल मिली है और न ही कोई सरकारी लाभ। पिता मजदूरी करते हैं। ऐसे में अमित को आपकी मदद की दरकार है।
जमुई [मणिकांत]। जमुई की वायरल गर्ल सीमा ने तो हौसलों की उड़ान भरनी शुरु कर दी लेकिन सीमा की तरह कई दिव्यांग बच्चे ऐसे भी हैं, जिन्हें मदद की दरकार है ताकि वे भी सीमा की तरह हौसलों की उड़ान भर सके। ऐसे तो जिले में कई ऐसे मामले हैं लेकिन ताजा मामला खैरा प्रखंड क्षेत्र के खड़ाइच पंचायत अंतर्गत डुमरियाटांड़ से जुड़ा है।
यहां के नवीन मांझी का दस वर्षीय दिव्यांग पुत्र अमित मदद की आस में पलकें बिछाए बैठा है। दरअसल, दो साल पूर्व एक सड़क हादसे में अमित को अपना दाया पैर गंवाना पड़ा था। लेकिन पढ़ने की ललक और बुलंद हौसलों के कारण उसने हार नहीं मानी और अभी भी वह एक पैर से चलकर स्कूल जाता है। ट्राइसाइकिल और अन्य लाभ के लिए अमित सरकारी कार्यालयों की खाक छानता रहा लेकिन किसी बाबू ने उसकी मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया।
रविवार को इस मामले की जानकारी बिहार सरकार के विज्ञान व प्रावैद्यिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह को हुई। मंत्री सुमित ने अपने सहयोगी खैरा सरपंच संघ के अध्यक्ष अनिल रविदास को अमित के घर भेजा और वीडियो काल के जरिए अमित से बात की। मंत्री ने उसका हालचाल जाना और उसे पूरी मदद का भरोसा दिलाया। आने वाले दिनों में उम्मीद है कि अमित भी सीमा की तरह अपने दोनों पैरों से चलकर स्कूल जाएगा।
बता दें कि दो भाई-बहनों में बड़ा अमित के पिता नवीन मांझी मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं कि वे अपने पुत्र अमित का कृत्रिम पैर लगवा सकें या फिर ट्राइसाइकिल खरीदकर दे सकें। यहां बड़ा सवाल यह है कि जब तक जिला प्रशासन या शिक्षा विभाग सर्वें कराकर दिव्यांग बच्चों की सूची नहीं बनाती है तब तक ऐसे कई दिव्यांग मदद से वंचित रह जाएंगे।