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लंबी प्रतीक्षा के बाद सुपौल के सदर अस्पताल में डालिसिस सेंटर शुरू, कर्ज लेकर गरीब मरीज जाते थे निजी सेंटर

लंबी प्रतीक्षा के बाद सुपौल के सदर अस्‍पताल में डायलिसिस सेंटर शुरू हो गई है। इस सेंटर के शुरू हो जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है। खास कर गरीब मरीजों को काफी फायदा हुआ है। गरीब मरीजों को पहले कर्ज लेकर निजी सेंटर जाना होता था।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 06:03 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 06:03 PM (IST)
लंबी प्रतीक्षा के बाद सुपौल के सदर अस्पताल में डालिसिस सेंटर शुरू, कर्ज लेकर गरीब मरीज जाते थे निजी सेंटर
लंबी प्रतीक्षा के बाद सुपौल के सदर अस्‍पताल में डायलिसिस सेंटर शुरू हो गई है।

जागरण संवाददाता, सुपौल। स्वास्थ्य सेवाओं की सु²ढ़ीकरण एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए सरकार संकल्पित है। इस दिशा में सदर अस्पताल में कार्यरत डायलिसिस सेंटर लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। खास कर गरीब मरीजों को तो इस डायलिसिस सेंटर से काफी आर्थिक राहत मिल रही है। मालूम हो कि कभी ऐसा भी समय था जब इस जिले में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके लिए मरीजों को निजी सेंटर या जिले के बाहर जाना पड़ता था। इसमें मरीज के काफी पैसे खर्च होते थे। अब जब जिला अस्पताल में डायलिसिस सेंटर काम कर रहा है तो किडनी के मरीजों को जिले में सुविधा के साथ ही आर्थिक राहत भी मिल रही है। अब गरीब लोगों को डायलिसिस के लिए कर्ज लेना नहीं पड़ रहा है।

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अपोलो द्वारा किया जा रहा है संचालित

सदर अस्पताल के प्रथम तले स्थित डायलिसिस सेंटर का संचालन अपोलो संस्था द्वारा किया जा रहा है। आधुनिक संसाधनों तथा सुविधाओं से सुसज्जित इस सेंटर से सुपौल जिले के साथ-साथ सहरसा जिले के मरीजों को लाभ मिल रहा है। जिस मरीज के पास राशन कार्ड होते हैं उसे फ्री डायलिसिस की सेवा प्रदान की जाती है। वहीं जिनके पास राशन कार्ड नहीं होते उसे मात्र 1745 रुपये व्यय करने पड़ते हैं। दोनों सुविधा वाले मरीज को दवा मुफ्त में दी जाती है। मरीज की स्थिति पर डायलिसिस सुविधा प्रदान की जाती है। वैसे मरीज को सप्ताह में दो दिन डायलिसिस के लिए बुलाया जाता है।

दो हैं चिकित्सक

इस डायलिसिस सेंटर में दो चिकित्सक कार्यरत हैं। एक चिकित्सक हर रोज मरीज को देखने डायलिसिस सेंटर आते हैं तो दूसरे जो किडनी विशेषज्ञ हैं सप्ताह में एक दिन आते हैं। इसके अलावा दो टेक्नीशियन, एक जीएनएम तथा दो हाउस स्वीपर कार्यरत है। फिलहाल यहां 40 मरीजों का डायलिसिस चल रहा है। हर रोज 12 मरीज का डायलिसिस होता है।


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