जैविक खाद अपना कर पर्यावरण, जल और मिट्टी को बचाएं
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार गुरुवार को संपन्न हो गया।
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार गुरुवार को संपन्न हो गया। सेमिनार का विषय 'जलवायु परिवर्तन कृषि विकास एवं पौधा रोग निवारण' था।
समापन सत्र में वक्ताओं ने कहा जैविक खाद के बेहतर उपयोग से ही पर्यावरण, जल और मिट्टी को बचाया जा सकता है। इसके लिए किसानों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्हें जैविक खाद बनाने एवं उसके उपयोग की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए। किसान जलवायु को ध्यान में रखते हुए खेती करें। कृषि क्षेत्र से जुड़ी लगाई गई प्रदर्शनी
कोलकाता के शोधार्थी देवो प्रिया मित्रा को प्रो. केएस बिलग्रामी बेस्ट पेपर प्रजेंटेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। अवार्ड के रूप में उन्हें मोमेंटो, प्रमाण पत्र व नगद राशि दी गई। इसके अलावा कृषि क्षेत्र से जुड़ी पोस्टर प्रदर्शनी लगाई लगाई गई। इस दौरान सेमिनार के संयोजक डॉ. एच के चौरसिया ने तीन दिनों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। वहीं, विभागाध्यक्ष प्रो. लीला चंद्र साहा ने सेमिनार के सफल आयोजन के लिए कमेटी के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। मंच संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. मनीषा मिश्र ने किया। इस मौके पर प्रतिकुलपति प्रो. रामयतन प्रसाद, पूर्व हेड प्रो. एसके चौधरी सहित शिक्षक व छात्रगण उपस्थित थे।